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ट्रंप प्रशासन को साधेगी लॉबिंग फर्म, खत्म करेगी टैरिफ टेंशन? भारत ने वॉशिंगटन में बनाई नई रणनीति

अमेरिका से टैरिफ विवाद के बीच भारत ने लॉबिंग फर्म Mercury Public Affairs के साथ तीन महीने का कॉन्ट्रेक्ट साइन किया है. भारत हर महीने इस फर्म को 75,000 डॉलर देगा, ताकि टैरिफ पर ट्रंप के साथ बातचीत को आगे बढ़ाया जा सके. दूसरी ओर, पाकिस्तान लॉबिंग पर भारत से तीन गुना ज्यादा खर्च कर रहा है और कूटनीतिक लाभ भी हासिल कर रहा है.

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भारत ने अमेरिका में लॉबिंग फर्म को हायर किया है. (File Photo)
भारत ने अमेरिका में लॉबिंग फर्म को हायर किया है. (File Photo)

अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच भारत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन से बेहतर संवाद स्थापित करने के लिए वॉशिंगटन डीसी में नई लॉबिंग फर्म Mercury Public Affairs को हायर किया है. यह फर्म पूर्व अमेरिकी सीनेटर डेविड विटर के नेतृत्व में काम करती है.

अमेरिकी Department of Justice के Foreign Agents Registration Act (FARA) के तहत हालिया फाइलिंग्स के मुताबिक, भारत और मर्करी के बीच हुआ कॉन्ट्रैक्ट अगस्त 2025 के मध्य से नवंबर 2025 तक लागू रहेगा. इस दौरान भारत हर महीने 75,000 डॉलर का भुगतान करेगा, जो कुल मिलाकर 225,000 डॉलर होगा. फर्म को फेडरल गवर्नमेंट रिलेशंस और रणनीतिक सेवाएं देने का जिम्मा सौंपा गया है.

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इस हायरिंग की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप की करीबी सहयोगी और चीफ ऑफ स्टाफ स्यूजी वाइल्स, मर्करी के वॉशिंगटन और फ्लोरिडा ऑफिस की प्रमुख रह चुकी हैं. ट्रंप के 2024 के चुनाव अभियान में जाने से पहले वाइल्स ने यह पद छोड़ा था. ट्रंप के व्हाइट हाउस में लौटने के बाद मर्करी को डेनमार्क, इक्वाडोर, आर्मेनिया और साउथ कोरिया जैसे देशों ने भी हायर किया है.

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Mercury ही नहीं अन्य लॉबिंग फर्म को भी भारत ने किया हायर

Mercury भारत की अकेली लॉबिंग फर्म नहीं है. इनके अलावा भारत की एक मौजूदा डील SHW Partners LLC के साथ है, जो 1.8 मिलियन डॉलर वार्षिक कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रही है. यह फर्म ट्रंप के पूर्व सलाहकार जेसन मिलर की अगुवाई में रणनीतिक परामर्श, गवर्नमेंट रिलेशंस और पब्लिक परसेप्शन मैनेजमेंट पर ध्यान देती है.

यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब भारत रूस से तेल खरीदने के चलते ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए अतिरिक्त 25% टैरिफ का सामना कर रहा है. इनके अलावा, अमेरिका की तरफ से सेकेंडरी सैंक्शन लगाने के संकेत भी मिले हैं. ट्रंप प्रशासन ने भारत को ब्राजील के साथ सबसे ऊंचे टैरिफ ब्रैकेट में रखा है. मौजूदा 25% टैरिफ के ऊपर नया 25% टैरिफ 27 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा.

व्हाइट हाउस के ट्रे़ड एडवाइजर पीटर नवारो ने 22 अगस्त को कहा कि भारत अपनी ऊर्जा नीति में बदलाव करने को तैयार नहीं दिख रहा है. उन्होंने साफ किया कि अतिरिक्त टैरिफ लागू होने की संभावना बनी हुई है.

लॉबिंग पर पाकिस्तान कहीं ज्यादा खर्च कर रहा है

पाकिस्तान इसी बीच, अमेरिका में लॉबिंग पर भारत से कहीं ज्यादा खर्च कर रहा है. FARA की फाइलिंग्स के अनुसार, पाकिस्तान हर महीने करीब 600,000 डॉलर खर्च कर रहा है और कुल छह फर्मों को हायर किया है.

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पाकिस्तान की प्रमुख फर्मों में Orchid Advisers LLC शामिल है, जिसे 250,000 डॉलर प्रति महीने मिलते हैं. यह फर्म Squire Patton Boggs के साथ मिलकर अमेरिकी सांसदों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से संपर्क साधती है. वहीं, Seiden Law को 200,000 डॉलर प्रति महीने दिए जा रहे हैं जो आर्थिक साझेदारी और टैरिफ मामलों पर काम कर रही है. इसने Javelin Advisors को 50,000 डॉलर अतिरिक्त भुगतान कर सब-कॉन्ट्रैक्ट दिया है.

इनके अलावा, पाकिस्तान ने Team Eagle Consulting को अक्टूबर 2024 में 1.5 मिलियन डॉलर में हायर किया था ताकि अमेरिकी पब्लिक परसेप्शन को अपने पक्ष में बदला जा सके.

पाकिस्तान की आक्रामक लॉबिंग से उसे व्हाइट हाउस में आर्मी चीफ जनरल आसीम मुनीर के लिए मीटिंग और भारत की तुलना में कम 19% टैरिफ जैसी राहत भी मिली है. अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हाल ही में क्रिटिकल मिनिरल्स और ऑयल पार्टनर्शिप को लेकर भी समझौते हुए हैं.

वहीं, भारत की रणनीति ज्यादा टारगेटेड है और इसमें लगभग 200,000 डॉलर प्रति महीने खर्च हो रहा है. भारत मुख्य रूप से अनुभवी राजनीतिक सलाहकारों जैसे जेसन मिलर और पुरानी फर्म BGR Associates (जो 50,000 डॉलर प्रति महीने पर काम करती है) पर निर्भर है.

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