scorecardresearch
 

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भी पिछड़ा भारत

वैश्विक भुखमरी सूचकांक यानि ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2021 की लिस्ट जारी हो गई है और इस लिस्ट में भारत की रैंक काफी चिंताजनक है. पिछले साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स की सूची में भारत का स्थान 94 था और पिछले साल 107 देशों की सूची जारी गई थी. इस बार सिर्फ 15 देश ऐसे हैं जो भारत से इस लिस्ट में पीछे हैं.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स
प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स

वैश्विक भुखमरी सूचकांक यानी ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2021 की लिस्ट जारी हो गई है और इस लिस्ट में भारत की रैंक काफी चिंताजनक है. 116 देशों में से भारत का स्थान 101वां है. भारत उन 31 देशों में भी शामिल है जहां पर भुखमरी की समस्या काफी गंभीर मानी गई है. पिछले साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) की सूची में भारत का स्थान 94 था और पिछले साल 107 देशों की सूची जारी गई थी.

इस बार सिर्फ 15 देश ऐसे हैं जो भारत से इस लिस्ट में पीछे हैं. पापुआ न्यू गिनीया(102), अफगानिस्तान(103), नाइजीरिया(103), कॉन्गो(105), मोजाम्बिक (106), सिएरा लियोन (106), हैती (109), लाइबेरिया (110), मैडागास्कर (111), डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो (112), चैड(113), सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक (114), यमन (115) और सोमालिया (116) जैसे देश ही भारत से इस लिस्ट में पीछे हैं. भारत इसके अलावा अपने ज्यादातर पड़ोसी देशों से भी पीछे है. इस लिस्ट में पाकिस्तान की रैंक 92, नेपाल की रैंक 76 और बांग्लादेश की रैंक भी 76 है. 

भारत के पड़ोसी देश नेपाल (76), बांग्लादेश, म्यांमार (71) और पाकिस्तान (92) की भी स्थिति चिंताजनक बताई गई है. हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक नागरिकों को खाना मुहैया कराने के मामले में भारत से उनकी स्थिति बेहतर है.

वहीं ग्लोबल हंगर इंडेक्स में पांच से कम जीएचआई स्कोर के साथ चीन, ब्राजील और कुवैत शीर्ष स्थान पर हैं. जीएचआई स्कोर कम होने का मतलब है कि उस देश में भुखमरी का स्तर कम चिंताजनक है. अगर किसी देश का जीएचआई स्कोर ज्यादा होता है तो इसका मतलब है कि उस देश में भुखमरी संकट गंभीर है.

Advertisement

भारत का जीएचआई स्कोर साल 2000 में 38.8 था जो 2012-21 के बीच में गिरकर 28.8-27.5 पहुंच गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कोविड महामारी और उसकी वजह से लागू की गई पाबंदियों से लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. 

यह रिपोर्ट आयरलैंड की एजेंसी कन्सर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी के संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ ने मिलकर तैयार की है. रिपोर्ट में जीएचआई स्कोर चार पैमानों के आधार पर तय किया जाता है- अल्पपोषण, चाइल्ड वेस्टिंग (पांच साल से कम उम्र के बच्चे जिनका वजन उनकी लंबाई के हिसाब से कम है), चाइल्ड स्टंटिंग (पांच साल से कम उम्र के बच्चे जिनकी उम्र के मुताबिक लंबाई कम है) और बाल मृत्यु दर (पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर).

गौरतलब है कि भारत साल 2015 में 93वें, 2016 में 97वें, 2017 में 100वें, 2018 में 103वें और 2019 में 102वें स्थान पर रहा था. ये रिकॉर्ड्स साफ करते हैं कि भारत में भुखमरी को लेकर संकट बरकरार है और कोरोना काल और खराब अर्थव्यवस्था के चलते ये हालात और भी खराब हुए हैं. 


 

Advertisement
Advertisement