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विद्रोहियों के दबाव में यमन के राष्ट्रपति घर से भागे, भारत ने नागरिकों को वापस बुलाया

विद्रोहियों के बढ़ते दबाव के बीच यमन के राष्ट्रपति अब्द-रब्बु मनसौर हैदी ने दक्षिणी शहर अदन स्थित अपने आवास को छोड़ दिया है. जबकि भारत ने युद्धग्रस्त देश से अपने नागरिकों को फौरन निकलने की चेतावनी जारी की है.

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यमन के राष्ट्रपति अब्द-रब्बु मनसौर हैदी
यमन के राष्ट्रपति अब्द-रब्बु मनसौर हैदी

विद्रोहियों के बढ़ते दबाव के बीच यमन के राष्ट्रपति अब्द-रब्बु मनसौर हैदी ने दक्षिणी शहर अदन स्थित अपने आवास को छोड़ दिया है. जबकि भारत ने युद्धग्रस्त देश से अपने नागरिकों को फौरन निकलने की चेतावनी जारी की है.

चश्मदीदों के मुताबिक, अदन की पहाड़ी पर बने महल से बुधवार को राष्ट्रपति के काफिले को निकलते देखा गया. राष्ट्रपति के एक अधिकारी ने बताया कि वह एक कमरे से अदन से 60 किमी दूर अल अनाद में विद्रोहियों के खिलाफ उनकी सेना के अभियान और सैनिकों की प्रतिक्रिया पर नजर रख रहे थे. विद्रोहियों ने हैदी को पकड़ने के लिए 1 लाख डॉलर के इनाम की भी घोषणा की है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उसने बुधवार सुबह हैदी से संपर्क किया है.

इसके अलावा यमन के रक्षा मंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि हैदी के सहयोगी और रक्षा मंत्री महमूद अल सुबाही को लाझ शहर से गिरफ्तार किया गया है. विद्रोहियों ने अदन शहर से लगे अल अनाद स्थित सरकार नियंत्रित हवाई अड्डे पर भी कब्जा जमा लिया है. समाचार एजेंसी श‍िन्हुआ के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बताया, 'हमने आज सुबह भी उनसे संपर्क किया है. हम उनके स्थान की कोई जानकारी दे पाने की स्थिति में नहीं है. जहां तक उनके जाने की बात है, मुझे लगता है कि उन्होंने स्व-इच्छा से पद छोड़ा है.'

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भारत ने जारी की तीसरी एडवाइजरी
इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बुधवार को कहा कि भारत सरकार ने इस बाबत 21 जनवरी को जारी एडवाइजरी को दोहराते हुए 19 मार्च को एक बार फिर एडवाइजरी जारी कर भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द यमन छोड़ने की बात कही है. अकबरुद्दीन ने कहा, 'हमने यमन में रह रहे भारतीयों को स्थिति को गंभीरता से लेने और तत्काल देश छोड़ने को कहा है.' यमन में रह रहे भारतीयों में सबसे ज्यादा नर्सें हैं. भारत द्वारा जारी की गई यह तीसरी एडवाइजरी है. राजधानी सना स्थित भारतीय दूतावास ने भी हेल्पलाइन जारी किया है.

गौरतलब है कि लंबे समय से हाशिए पर रहे शिया विद्रोहियों ने बीते साल सितंबर में राजधानी पर हमला कर राजनीति में बड़ी हिस्सेदारी मांगी थी. चार महीने बाद जनवरी में इस ग्रुप ने राष्ट्रपति महल पर भी कब्जा जमा लिया. इसके बाद उन्होंने हादी को सना में ही नजरबंद कर दिया. हालांकि, हादी किसी तरह वहां से अदन भागने में कामयाब रहे. अदन, सना से तकरीबन 300 किमी की दूरी पर स्थित है. शिया समूह की पकड़ देश के सिर्फ उत्तरी हिस्से में है. यहां उन्होंने मिलिट्री फोर्स स्टेशन से लेकर एयरफोर्ट तक पर कब्जा जमा रखा है.

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