PM मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ आसियान के साथ सहयोग बढ़ाने का किया आह्वान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए आसियान के साथ सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया है. साथ ही क्षेत्रीय विवादों का निपटारा भी शांतिपूर्ण तरीके से करने की जरूरत को रेखांकित किया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए आसियान के साथ सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया है. साथ ही क्षेत्रीय विवादों का निपटारा भी शांतिपूर्ण तरीके से करने की जरूरत को रेखांकित किया .
सहयोग के लिए सुझाव प्रधानमंत्री मोदी ने 10 सदस्यीय समूह के साथ समुद्री सुरक्षा, समुद्री डकैती निरोधक एवं मानवीय और प्राकृतिक आपदा राहत जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग के लिए विशिष्ठ योजना बनाने का भी सुझाव दिया है. आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में अपनी शुरुआती टिप्पणी में PM मोदी ने कहा, ‘आतंकवाद एक बड़ी वैश्विक चुनौती बनकर उभरा है जो हम सभी को प्रभावित कर रहा है. हमारा आसियान के सदस्यों के साथ शानदार द्विपक्षीय सहयोग है.
आतंकवाद के मुकाबले का आह्वान PM ने कहा- हमें यह देखना चाहिए कि हम अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र संधि को मंजूर करने की दिशा में सहयोग प्रदान करने समेत क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना सहयोग किस तरह से बढ़ा सकते हैं.’
PM calls for enhancing coop with ASEAN on terrorism and for adoption of Comprehensive Convention on Intl terrorism pic.twitter.com/m6ozZZTSMS
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने यहां आए तीन दिवसीय यात्रा के दौरान PM मोदी ने कहा, ‘तेजी से बदलता हमारा क्षेत्र अनिश्चय के समय से निकलकर एक शांतिपूर्ण और खुशहाल भविष्य की ओर जा रहा है. हम अपने क्षेत्र को एक शक्ल के रूप में परिभाषित करने के लिए आसियान के नेतृत्व की ओर देख रहे हैं.
दक्षिण चीन सागर विवाद पर भी बोले दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय विवादों के संदर्भ में PM मोदी ने कहा, ‘भारत 1982 के संयुक्त राष्ट्र संधि पर समुद्री कानून समेत सभी स्वीकार्य अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप आसियान के साथ नौवहन, उड़ान भरने, निर्बाध वाणिज्य की स्वतंत्रता को प्रतिबद्ध है. क्षेत्रीय विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से ही सुलझाया जाना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद है कि दक्षिण चीन सागर के विवाद से जुड़े सभी पक्ष दक्षिण चीन सागर में पक्षों के आचार व्यवहार संबंधी घोषणा को लागू करने के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे और सर्वानुमति के आधार पर जल्द से जल्द एक आचार संहिता को अपनाने के प्रयासों को दोगुणा करेंगे.
कनेक्टिीविटी खुशहाली का रास्ता कनेक्टिीविटी को खुशहाली का साझा रास्ता बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत-म्यामां-थाईलैंड त्रिपक्षीय हाईवे परियोजना की अच्छी प्रगति हो रही है और इसे 2018 तक पूरा हो जाना चाहिए.
आसियान देशों को इलेक्ट्रानिक वीजा सुविधा PM मोदी ने कहा कि भारत शीघ्र ही सभी आसियान देशों को इलेक्ट्रानिक वीजा की सुविधा प्रदान करेगा. विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष को भारत-आसियान सहयोग और आर्थिक साझेदारी का प्रमुख स्तम्भ बताते हुए उन्होंने कहा, ‘हम आसियान भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास कोष को वर्तमान 10 लाख डालर से बढाकर 50 लाख डॉलर करेंगे.’
प्रौद्योगिकी पर सहयोग उन्होंने कहा कि भारत का इरादा एक आसियान-भारत नवोन्मेष प्लेटफार्म बनाना है जिससे की कम लागत वाली प्रौद्योगिकियों के वाणिज्यिकीकरण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और सहयोगात्मक अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को सुगम बनाया जा सकेगा.
इसलिए अहम है ASEAN आसियान में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यामां, फिलिपीन, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं. आसियान का भारत छठा सबसे बड़ा आर्थिक साझेदार है. भारत और आसियान के बीच 2014.15 में 76.52 अरब डॉलर का व्यापार हुआ. आसियान देशों को भारत का निर्यात 31.81 अरब डॉलर और इस समूह से आयात 44.71 अरब डॉलर का हुआ.
निवेश पर फोकस आसियान अर्थव्यवथा के गतिशीलता और उर्जा के साथ आगे बढ़ने को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा, ‘मुझे कोई संदेह नहीं कि हम अपने 1.9 अरब लोगों की खुशहाली को पुन:बहाल करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात की खुशी है कि अस्थायी गिरावट के बाद हमारा व्यापार 2014.15 में 76.5 अरब डॉलर तक बढ़ गया है और दोनों दिशाओं में निवेश भी बढ़ा है.’