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कैसे पेंटागन विस्फोट की एक फेक AI तस्वीर ने दुनिया को हिलाकर रख दिया

पेंटागन में विस्फोट की तस्वीर को सोमवार को खूब शेयर किया गया, जिसमें ब्लूटिक वाले अकाउंट भी शामिल थे. लेकिन इस तस्वीर के एआई जेनरेटेड होने के बाद पेंटागन ने आगे आकर इसके फेक होने की पुष्टि की. पेंटागन के प्रवक्ता ने बताया कि यह एक झूठी रिपोर्ट थी और पेंटागन पर किसी तरह का हमला नहीं हुआ.

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पेंटागन
पेंटागन

अमेरिका के पेंटागन में विस्फोट की एक तस्वीर से सोमवार को हड़कंप मच गया था. यह तस्वीर सोमवार को सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई. लेकिन हकीकत यह थी कि इस तस्वीर को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से तैयार किया गया था. लेकिन जब तक यह सच्चाई सामने आ पाती, तब तक शेयर मार्किट में भूचाल आ गया.

इस तस्वीर को कई वेरिफाइड अकाउंट से शेयर किया गया था, जिसमें ब्लूटिक वाले अकाउंट भी शामिल हैं. लेकिन इस तस्वीर के एआई जेनरेटेड होने के बाद पेंटागन ने आगे आकर इसके फेक होने की पुष्टि की. पेंटागन के प्रवक्ता ने बताया कि यह एक झूठी रिपोर्ट थी और पेंटागन पर किसी तरह का हमला नहीं हुआ.

कहीं बम की अफवाह, तो कहीं आवाज बदलकर किडनैपिंग

चाइना में एक इंसान ने चैट जीपीटी की मदद से ट्रेन ब्लास्ट की फेक न्यूज फैलाई थी, जिससे हड़कंप मच गया था. इस फेक न्यूज की वजह से लोग रेलवे स्टेशन की तरफ भागने लगे थे. पुलिस को स्थिति नियंत्रण करने के लिए न्यूज में सफाई देनी पड़ी थी कि यह फेक न्यूज थी. वहीं, दूसरी घटना में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से आवाज बदलकर, लड़की की आवाज निकालकर एक किडनैपिंग को अंजाम दिया गया था. हालांकि, बाद में पुलिस ने अपराधी को पकड़ लिया. पूछताछ के दौरान अपराधी ने बताया कि एआई की मदद से उसने पूरी घटना को अंजाम दिया गया.

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बहुत तेजी से बदल रहा है AI

मगर, AI बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है, हर रोज उसमें कुछ न कुछ नया होता जा रहा है. इससे बचने का सिर्फ एक ही तरीका है कि लोगों को इसके बारे में जानकारी रखनी चाहिए. साइबर क्राइम एजेंसीज को भी पता करना चाहिए कि किस एआई के इस्तेमाल में क्या कमियां हैं. कुछ न कुछ कमी हर चीज में होती है, उसी लूप होल का पता करके वे क्राइम को होने से रोक सकते हैं या होने के बाद उससे सुराग हासिल कर सकते हैं.

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