कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत के कुछ ही घंटे बाद अमेरिका-कनाडा संबंधों पर एक उच्च-स्तरीय कैबिनेट समिति का गठन फिर से कर दिया. यह कदम इस ओर इशारा करता है कि ट्रूडो, ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने के बाद संभावित चुनौतियों को लेकर सक्रिय हो गए हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह कैबिनेट समिति अमेरिका-कनाडा संबंधों पर महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी. गौरतलब है कि ट्रंप का राष्ट्रपति बनना कनाडा के लिए नई चुनौती हो सकता है, विशेष रूप से व्यापार और कूटनीति से जुड़े मामलों में.
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इस समिति की अध्यक्षता उप-प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड करेंगी. उपाध्यक्ष की भूमिका डोमिनिक लेब्लांक निभाएंगे, जो कि लोक सुरक्षा, लोकतांत्रिक संस्थान और अंतर-सरकारी मामलों के मंत्री हैं.
कैबिनेट समिति में क्रिस्टिया फ्रीलैंड (अध्यक्ष), डोमिनिक लेब्लांक (उपाध्यक्ष), अनीता आनंद, बिल ब्लेयर, फ्रांस्वा-फिलिप शैम्पेन, मेलानी जोली, लॉरेंस मैकऑले, मार्क मिलर, मैरी एनजी, हरजीत एस. सज्जन और जोनाथन विल्किनसन को शामिल किया गया है.
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11 मेंबर वाली यह समिति दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा, और अन्य संवेदनशील मुद्दों पर ध्यान देगी. ट्रंप की नीतियों के कारण कनाडा-अमेरिका संबंधों में पहले भी उतार-चढ़ाव देखे गए हैं. ऐसे में इस समिति का गठन ट्रूडो का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है ताकि ट्रंप प्रशासन के साथ संभावित चुनौतियों का सामना किया जा सके. ट्रूडो की इस नई पहल को लेकर कहा जा सकता है कि यह रणनीति ट्रंप प्रशासन की नीतियों के प्रति कनाडा के रुख को मजबूत करेगी.
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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे स्पष्ट हो गए हैं और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस को हराकर शानदार जीत दर्ज की है. वह दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करेंगे. इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप 2016 से 2020 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं. उन्हें 2020 में अपने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए चुनावी मैदान में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. अब डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं.