हांककांग में सरकार विरोधी प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है. सोमवार शाम प्रदर्शनकारियों ने सभी सुरक्षा बैरिकेड तोड़कर संसद भवन पर कब्जा कर लिया. इस दौरान पुलिस सिर्फ चेतावनी देती ही नजर आई लेकिन किसी भी प्रदर्शनकारी का कड़े स्तर पर विरोध नहीं किया गया.
हांगकांग के चीन समर्थक नेता एक विधेयक पर जोर दे रहे हैं जिसमें आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए उन्हें चीन प्रत्यर्पित किए जाने का प्रावधान है.
इस विधेयक के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग सड़क से संसद तक उतर आए हैं. हांगकांग में जारी विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. प्रदर्शनकारियों में कुछ ने अपने सिर पर हेलमेट भी पहन रखा है, जिससे सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ उन्हें बचाव में मदद मिले.
संसद भवन के भीतर भी प्रदर्शनकारियों ने बिल्डिंग तोड़ने की कोशिश की. संसद भवन के अंदर प्रदर्शनकारियों ने बिल्डिंग की तोड़फोड़ की, दीवारों पर पेंटिंग बनाई और विधान परिषद के पोडियम के पास ब्रिटिश औपनिवेशिक झंडे को भी लहराया.
प्रदर्शनकारियों के उग्र होते विरोध प्रदर्शन के बाद भी पुलिस इस दौरान मूक दर्शक बनी नजर आई. सोमवार को संसद के बाहर भीतर तांडव करते रहे, लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर सकी.
The moment the Hong Kong police lost control, retreated from LegCo. They ran away, vastly outnumbered by the kids.#antiELAB#NoChinaExtradition#SaveHongKong pic.twitter.com/d0J6yKMyKz
— Alex Hofford (@alexhofford) July 1, 2019
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने कई बार प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का फैसला किया.
"Carrie Lam step down"
Hong Kong protesters spray paint graffiti on the walls inside the LegCo chamber and place the British colonial flag over the podium pic.twitter.com/zfc7L8gjte
— TicToc by Bloomberg (@tictoc) July 1, 2019
हांगकांग के प्रदर्शनकारी पूरी तरह से चाहते हैं कि चीन के साथ प्रत्यर्पण का बिल वापस लिया जाए, साथ ही सरकार के प्रमुख मुख्य कार्यकारी कैरी लैम अपने पद से इस्तीफा दें.
नए कानून को फरवरी में प्रस्तावित किया गया था और इस पर जुलाई में वोट होने की उम्मीद है. यह कानून हांगकांग के मुख्य कार्यकारी और अदालतों को उन देशों के प्रत्यर्पण अनुरोधों को प्रक्रिया में लाने की अनुमति देगा, जिनके साथ पूर्व के ब्रिटेन का प्रत्यर्पण समझौता नहीं है. इसमें चीन, ताइवान और मकाओ शामिल हैं, जिन्हें बिना किसी कानूनी छानबीन के लाने की इजाजत होगी.