अभी तक मानवरहित हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल हमला करने या फिर निगरानी के लिए इस्लेमाल किया जाता रहा है, लेकिन अब यह घायलों को सैकड़ों किमी दूर से लेकर अस्पताल पहुंचाने का काम करेगा. अमेरिकी सेना की ओर से डीपी-14 हॉक हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल घायल सैनिकों को युद्धस्थल से अस्पताल पहुंचाने में करेगी.
खास बात यह है कि यह मानवरहित हेलिकॉप्टर घायल सैनिक को खुद ही अस्पताल पहुंचाएगा. यह पूरी तरह से इंटरनल इनवेस्टिगेशन सिस्टम पर निर्भर होगा. लिहाजा इसमें जीपीएस की जरूरत नहीं होगी. यूएस आर्मी मेडिकल रिसर्च एंड मटेरियल कमांड इस हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल परंपरागत तरीके से इतर घायल सैनिकों को युद्धस्थल से अस्पताल पहुंचाने में करने पर विचार कर रहा है.
दो इंजन वाला यह हेलिकॉप्टर CH-47 चिनूक की तरह दिखता है. यह इतना छोटा है कि इसको किसी वाहन के अंदर रखकर ले जाया जा सकता है. दिलचस्प बात यह है कि डीपी-14 हॉक हेलिकॉप्टर महज 30 मिनट के अंदर उड़ान भरकर 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से घटनास्थल पर पहुंच सकेगा. यह 200 किलो वजन ले जाने में सक्षम है. राहत एवं बचाव अभियान के अलावा इस हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल कृषि, वन्यजीवों की सुरक्षा निगरानी और तलाशी अभियान में किया जा सकेगा.