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तल्ख रिश्तों के बीच उम्मीद की किरण, जेनेवा में वार्ता के लिए साथ आए बाइडेन-पुतिन

इस वार्ता में साइबर क्राइम, अमेरिकी चुनाव में रूस के हस्तक्षेप जैसे विवादित मुद्दों पर बातचीत होती दिखेगी.

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जो बाइडेन-व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात ( (AP फोटो)
जो बाइडेन-व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात ( (AP फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जो बाइडेन-व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात
  • कई मुद्दों पर विवाद, बातचीत अहम

बुधवार को स्विट्जरलैंड की राजधानी जेनेवा में पूरी दुनिया को उम्मीद की एक किरण दिखाई पड़ी जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वार्ता के लिए साथ आए. जब अमेरिका और रूस के रिश्ते सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं, जब हर मुद्दे पर सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है, उस बीच दोनों नेताओं की यूं हाथ मिलाते हुए एक तस्वीर का सामने आना कई तरह के संदेश दे गया है. समाधान मिल जाएगा, मुश्किल लगता है,लेकिन इस मुलाकात के बाद वार्ता का दौर जरूर शुरू होगा जो विवाद को कम करने का काम कर सकता है.

जो बाइडेन-व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात

इस मुलाकात की शुरुआत में सबसे पहले स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति ने दोनों नेताओं का स्वागत किया और बाद में पुतिन, बाइडेन, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच बैठक शुरू हुई. बताया गया कि इस बैठक के बाद एक उच्चस्तरीय वार्ता और हो सकती है जहां पर ज्यादा बड़े अधिकारी भी रहेंगे और वो बैठक भी कई घंटों तक चलेगी. इस वार्ता में साइबर क्राइम, अमेरिकी चुनाव में रूस के हस्तक्षेप जैसे विवादित मुद्दों पर बातचीत होती दिखेगी.

किन मुद्दों पर विवाद?

अब ये वो मुद्दे हैं जिनकी वजह से अमेरिका और रूस के रिश्ते अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. एक तरफ जो बाइडेन की तरफ से कई मौकों पर साइबर हमलों के लिए रूस पर निशाना साधा गया, तो वहीं पुतिन ने भी लगातार अपने देश का बचाव किया है और किसी भी ऐसे हमले से पल्ला झाड़ा है. 2016 में हुए अमेरिकी चुनाव में भी रूस की हस्तक्षेप वाला मामला अब काफी पुराना हो गया है, लेकिन इस पर विवाद अभी भी जारी है. अब इस वार्ता के जरिए दो बड़े नेताओं के बीच इन मुद्दों पर खुलकर बातचीत तो होगी, लेकिन समाधान निकल जाए, ऐसा मुश्किल लगता है.

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समाधान की उम्मीद?

वैसे एसोसिएटेड प्रेस को दिए इंटरव्यू में पुतिन के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने जोर देकर कहा था कि अभी किसी भी मुद्दे पर समाधान होना मुश्किल है, लेकिन बातचीत का दौर जो शुरू हो रहा है, ये भी एक बड़ी उपलब्धि है. वहीं जो बाइडेन ने भी बातचीत का होना महत्वपूर्ण बताया था और स्थिर संबधों की पैरवी की थी. अब ये बैठक उस लक्ष्य को हासिल करने में कितनी मददगार साबित होती है, ये कुछ घंटों में साफ हो जाएगा.

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