बलूचिस्तान की आजादी को लेकर एक बार फिर विरोध प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हो गया है. जर्मनी के हनोवर में फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट का आयोजन किया गया है. खास बात है कि इस मूवमेंट का आयोजन पाकिस्तान की ओर से बलूचिस्तान में 28 मई 1998 को किए गए परमाणु परीक्षणों की सालगिरह पर किया गया.
इस दौरान फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर बैन लगाने और बलूचिस्तान में किए गए परमाणु परीक्षणों की जांच की मांग की है. मूवमेंट के एक कार्यकर्ता मुमताज बलूच ने कहा कि पाकिस्तान ने 27 मार्च, 1948 को बलूच पर कब्जा कर लिया और तब से बलूच के लोग अत्याचारों से पीड़ित हैं. बलूच लोगों को पाकिस्तान मार रहा है और उनका जनसंहार कर रहा है.
Free Balochistan Movement organized a protest in Hannover city of Germany marking anniversary of Pakistan’s nuclear tests in #Balochistan on 28th May 1998. (28.5.19) pic.twitter.com/o7fNZwLwIA
— ANI (@ANI) May 29, 2019
पाकिस्तान ने मनाई परीक्षण की 21वीं जयंती
बता दें, पाकिस्तान ने मंगलवार को अपने परमाणु परीक्षण की 21वीं जयंती मनाई. इस मौके पर जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि देश को परमाणु शक्ति संपन्न बनाने के उनके फैसले ने उसकी सुरक्षा को अपराजेय बना दिया. पाकिस्तान ने 28 मई 1998 को शरीफ के प्रधानमंत्री रहते बलूचिस्तान प्रांत के चागी में पांच परमाणु परीक्षण किए थे. इस दिन को पाकिस्तान में यौम-ए-तकबीर के तौर पर मनाया जाता है।
पोखरण के बाद पाकिस्तान ने किया था परीक्षण
भारत ने 11 मई 1998 को पोखरण में सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण किया था. इसके कुछ दिन बाद पाकिस्तान ने भी परमाणु परीक्षण किया था. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) का कहना है, ‘28 मई पाकिस्तान के इतिहास में कभी न भूली जाने वाली तारीख है. इस दिन पाकिस्तान की सुरक्षा को अजेय बनाया गया जब दुनिया के नक्शे पर पाकिस्तान एक परमाणु शक्ति के तौर पर उभरा.’