विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति वांग चिशान से सोमवार को मुलाकात की. वांग चिशान के साथ जयशंकर की यह मुलाकात काफी अहम है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी चीन पहुंचे थे.
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर कई देशों ने विरोध किया था वहीं, कुछ देश भारत के साथ खड़े नजर आए. पाकिस्तान सरकार कश्मीर पर लिए गए भारत के निर्णय पर बौखलाया हुआ है.
इस बीच रविवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिवसीय यात्रा पर चीन पहुंचे. माना जा रहा है कि पाकिस्तान के साथ गहराए तनाव को लेकर ये बैठक काफी महत्वपूर्ण है. इस मुलाकात के दौरान कश्मीर पर भी बातचीत होगी.
पद संभालने के बाद विदेश मंत्री जयशंकर की चीन की ये पहली यात्रा है. हालांकि विदेश मंत्री एस जयशंकर 1 जून 2009 से 1 दिसंबर 2013 तक चीन में भारतीय राजदूत के रूप में काम कर चुके हैं. वह 1977 में भारतीय विदेश सेवा में भर्ती हुए थे. जयशंकर चीन के आलावा अमेरिका, चेक गणराज्य राजदूत और सिंगापुर में उच्चायुक्त के रूप में भी कार्य कर चुके हैं.
External Affairs Minister, S Jaishankar meets Vice President of China, Wang Qishan, in Beijing. EAM Jaishankar is on a three-day visit to China to co-chair the second meeting of the India-China 'High-Level Mechanism' on cultural and people-to-people exchanges. pic.twitter.com/pLrrUwEiuw
— ANI (@ANI) August 12, 2019
विदेश मंत्रालय (MEA) का कहना है कि एचएलएम की इस बैठक में दो देशों के बीच अधिक से अधिक तालमेल बनाए रखने के लिए पर्यटन, कला, फिल्मों, मीडिया, संस्कृति और खेल जैसे क्षेत्रों में बढ़ावा मिलेगा, साथ ही संस्कृति के आदान-प्रदान का एक बेहतर माध्यम साबित हो सकता है.