नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया. इसके समर्थन और विरोध को लेकर कांग्रेस पार्टी में उस समय मतभेद उभर कर सामने आए, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया और जनार्दन द्विवेदी जैसे नेताओं ने सरकार के फैसले का समर्थन कर दिया जबकि कांग्रेस पार्टी ने आधिकारिक रूप से विरोध किया.
मुख्यधारा के मीडिया में यह मतभेद चर्चा का विषय भी बना. इसी बीच सोशल मीडिया पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का एक बयान खूब वायरल हुआ.
क्या है दावा
कांग्रेस पार्टी के नेताओं में मतभेद की खबरों के बीच सोशल मीडिया पर मनमोहन सिंह के नाम पर एक बयान हिंदी में वायरल हुआ.
इस बयान में दावा किया गया कि मनमोहन सिंह ने अपने बयान में कहा कि "हम सत्ता में रहें या विपक्ष में, फर्क नही पड़ता. हमें देश की चिंता है. हमें पता हैं लोग अनुच्छेद 370 खत्म होने पर जश्न मना रहे हैं. हमें उस वक्त भी पता था जब नोटबंदी और जीएसटी पर लोग जश्न मना रहे थे, लेकिन फिर भी हमने उसका विरोध किया. हमने कहा देश को नुकसान होगा जिसके चलते कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा, भाजपा को फायदा मिला लेकिन आप सबको पता है नोटबंदी और जीएसटी से देश का नुकसान हुआ था. बेरोजगारी 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ कर बढ़ी, अर्थव्यवस्था पांचवें स्थान से गिर कर सातवें स्थान पर पहुंच गई. आज लोग जश्न मना रहे हैं. सभी पार्टियां भाजपा के साथ हैं लेकिन फिर भी हम कह रहें हैं, भारत को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा. और हमें पार्टी की कुर्बानी मंजूर है लेकिन देश का नुकसान मंजूर नहीं है."
दावे का सच
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि यह दावा झूठा है. मनमोहन सिंह के नाम पर वायरल हो रहा यह बयान उनका नहीं है.
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर चल रहे ताजा घटनाक्रम के मसले पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद पार्टी की तरफ से एक रिजोल्यूशन जारी किया गया था.
लेकिन व्यक्तिगत रूप से मनमोहन सिंह के नाम पर कोई बयान जारी नहीं हुआ है. वायरल हो रहा मैसेज काल्पनिक और गलत है.
झांसे में आए कई लोग
इस वायरल बयान के झांसे में कई लोग आए. जैसे हिंदी के जानेमाने कवि पवन करण ने भी इसे फेसबुक पर शेयर किया. इसी तरह मोहम्मद कलीम और उनके जैसे तमाम यूजर्स ने भी इस पर विश्वास किया और इसे फेसबुक पर शेयर किया.

यह मैसेज ट्विटर पर भी वायरल हुआ.

फैक्ट चेक
संसद में जम्मू-कश्मीर पर हुए फैसले के बाद 6 अगस्त, 2019 को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) में एक प्रस्ताव पास हुआ था. इस प्रस्ताव में अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर सरकार के फैसले को 'एकतरफा, शर्मनाक और अलोकतांत्रिक' कहा गया.
इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भाजपा के विभजनकारी और द्वेषपूर्ण एजेंडे से लड़ने में जम्मू, कश्मीर और लद्दाख की जनता के साथ है." इस मीटिंग में मनमोहन सिंह भी मौजूद थे. कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के बारे में मीडिया में रिपोर्ट भी छपी जिसे यहां देखा जा सकता है.
हमने मनमोहन सिंह के दफ्तर में भी संपर्क किया. उन्होंने पूरी तरह नकारते हुए कहा कि 'पूरी तरह काल्पनिक और गलत है.' उनके
ऑफिस ने यह भी स्पष्ट किया कि मनमोहन सिंह का कोई निजी सोशल मीडिया अकाउंट नहीं है.
निष्कर्ष
कांग्रेस वर्किंग कमेटी के प्रस्ताव और किसी भी मीडिया रिपोर्ट में हमें मनमोहन सिंह का कोई ऐसा सार्वजनिक बयान नहीं मिला जो जम्मू-कश्मीर पर जारी घटनाक्रम के संबंध में दिया गया हो. उनके आफिस ने भी इसे 'काल्पनिक और गलत' कहा.
हालांकि, हमें यह जानकारी नहीं है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग में मौजूद नेताओं से मनमोहन सिंह ने क्या कहा. लेकिन पार्टी द्वारा जारी बयान और मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर यही निष्कर्ष निकलता है कि वायरल हो रहा बयान गुमराह करने वाला है, क्योंकि इस बयान में इस्तेमाल किए गए शब्द मनमोहन सिंह के नहीं हैं.