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एलन मस्क के SpaceX की स्टारशिप की लॉन्चिंग सफल, लेकिन धरती पर वापसी से पहले हुआ क्रैश

इस मिशन को 'स्टारशिप फ्लाइट 9' (Starship Flight 9) नाम दिया गया था. इसमें सुपर हेवी बूस्टर (Super Heavy Booster) और शिप 35 (Ship 35) का उपयोग किया गया. सुपर हेवी बूस्टर इससे पहले फ्लाइट 7 में उड़ान भर चुका है और यह उसकी दूसरी उड़ान थी. पहले की कुछ उड़ानों में तकनीकी गड़बियों के कारण मिशन असफल रहे थे, लेकिन इस बार उड़ान ने कई अहम पड़ाव पार किए.

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स्टारशिप सुपर हेवी रॉकेट की टेस्ट फ्लाइट सफल (फोटो: स्पेसएक्स)
स्टारशिप सुपर हेवी रॉकेट की टेस्ट फ्लाइट सफल (फोटो: स्पेसएक्स)

स्पेसएक्स (SpaceX) ने बुधवार सुबह अपने स्टारशिप सुपर हेवी रॉकेट (Starship Super Heavy Rocket) की नौवीं परीक्षण उड़ान लॉन्च की. यह उड़ान कंपनी के साउथ टेक्सास के बोका चीका बीच के पास स्थित ‘स्टारबेस’ (Starbase) लॉन्च साइट से की गई. यह मिशन भारतीय समयानुसार सुबह 5 बजे शुरू हुआ और पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी थीं.

रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च तो हो गया, लेकिन लॉन्चिंग के कुछ समय बाद स्टारशिप ने अपना कंट्रोल भी खो दिया. इसके चलते पृथ्वी के वातावरण में एंटर करने पर ये नष्ट हो गया. ये पूरा टेस्ट 1.06 घंटे का था. स्पेसएक्स ने पुष्टि की है कि स्टारशिप रॉकेट पृथ्वी पर वापसी के दौरान टूटकर बिखर गया. इसे हिंद महासागर में उतारने की तैयारी थी.

स्पेसएक्स ने कहा कि इस यात्रा में अंतरिक्ष यान ने इस साल की तुलना में अधिक मील के पत्थर पार किए, लेकिन इस बार भी कुछ समस्याएं आईं, जिससे कई प्रमुख तकनीकी प्रदर्शन बाधित हुए. हम जांच करेगे कि क्या गलत हुआ. फिर भी, कुल मिलाकर परिणाम अच्छे होंगे क्योंकि पिछले दो परीक्षण उड़ान भरने के 10 मिनट से भी कम समय में विफल हो गए थे.

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  Starship Super Heavy

क्या था खास इस उड़ान में?

इस मिशन को 'स्टारशिप फ्लाइट 9' (Starship Flight 9) नाम दिया गया था. इसमें सुपर हेवी बूस्टर (Super Heavy Booster) और शिप 35 (Ship 35) का उपयोग किया गया. सुपर हेवी बूस्टर इससे पहले फ्लाइट 7 में उड़ान भर चुका है और यह उसकी दूसरी उड़ान थी. पहले की कुछ उड़ानों में तकनीकी गड़बियों के कारण मिशन असफल रहे थे, लेकिन इस बार उड़ान ने कई अहम पड़ाव पार किए.

इंजन, स्टेज सेपरेशन और उड़ान के अनुभव

इस रॉकेट में 33 रैप्टर इंजन लगे होते हैं, जिनमें से 29 इंजन इस उड़ान में सफलतापूर्वक शुरू किए गए. इसके अलावा, स्टारशिप ने “हॉट-स्टेजिंग” नाम की एक अहम प्रक्रिया भी सफलतापूर्वक पूरी की. यह स्टेज सेपरेशन यानी पहले और दूसरे चरण को अलग करने की एक नई तकनीक है, जो आगे के मिशनों में बहुत महत्वपूर्ण होगी.

इस उड़ान के लिए स्थानीय प्रशासन ने 29 मई तक के लिए रोड बंद कर दी थीं, ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. इस मिशन को उड़ान की अनुमति अमेरिका की एफएए (Federal Aviation Administration) से मिली थी. एफएए ने यूके, तुर्क एंड कैकोस आइलैंड्स, बहामास, मैक्सिको और क्यूबा जैसे देशों के साथ समन्वय में यह अनुमति दी थी, क्योंकि रॉकेट की उड़ान इन देशों के ऊपर से होकर जाती है. एफएए ने उड़ान मार्ग पर एयरक्राफ्ट हैज़र्ड एरिया यानी खतरनाक हवाई क्षेत्र की सीमा को बढ़ाकर 1600 नॉटिकल मील तक कर दिया था, ताकि कोई दुर्घटना न हो.

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एलन मस्क का सपना और अगला पड़ाव

बता दें कि स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क इस स्टारशिप को एक मल्टीपर्पज यानी बहुउद्देशीय रॉकेट बनाना चाहते हैं, जो चंद्रमा, मंगल और उससे भी आगे मानव और सामान को ले जा सके. यह उड़ान स्पेसएक्स की उसी बड़ी योजना की दिशा में एक और पक्का कदम मानी जा रही है, जिसमें हर उड़ान से डेटा जुटाकर अगली उड़ानों को और बेहतर बनाया जा रहा है.

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