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सीक्रेट हैंडशेक.... वॉशिंगटन में रातोरात किसने लगाई ट्रंप और एपस्टीन की मूर्ति?

जेफ्री एपस्टीन अमेरिका का वह अय्याश अरबपति था जिसे हमेशा महिलाओं से घिरा रहना पसंद था. बेहद मामूली पृष्ठभूमि से निकलकर आसानी से अमेरिका के एलीट वर्ग में जगह बनाने वाले एपस्टीन की जिंदगी किसी सीक्रेट मिशन हेड जैसी रही. बेहद कम समय में अकूत दौलत कमाने से लेकर ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू, अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप जैसी शख्सियतों से नजदीकियां बढ़ाने के लिए उसे ज्यादा पापड़ बेलने नहीं पड़े

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ट्रंप और एपस्टीन की मूर्ति देखकर क्यों चौंके अमेरिकी (Photo: Scrrengrab)
ट्रंप और एपस्टीन की मूर्ति देखकर क्यों चौंके अमेरिकी (Photo: Scrrengrab)

अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी के नेशनल मॉल में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जेफ्री एपस्टीन की एक दूसरे का हाथ पकड़े मूर्तियां चर्चा में है. 12 फीट ऊंची ये मूर्तियां 23 सिंतबर को अचानक ही नेशनल मॉल में दिखाई दीं.

इस ड्यूल मूर्ति का नाम द सीक्रेट हैंडशेक और बेस्ट फ्रेंड्स फॉरएवर रखा गया है. सितंबर को फ्रेंडशिप मंथ के तौर पर मनाया जाता है. ऐसे में ट्रंप और नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण के अपराधी एपस्टीन की दोस्ती पर कटाक्ष करते हुए इस मूर्ति को लगाया गया है. 

इस मूर्ति को यूएस कैपिटल के सामने नेशनल मॉल पर लगाया गया है. मंगलवार सुबह-सुबह जब लोग बाहर निकले तो उनकी इस मूर्ति पर नजर पड़ी. इस मूर्ति में ट्रंप और एपस्टीन पेडेस्टल पर एक दूसरे का हाथ पकड़े नजर आ रहे हैं. 

इस प्रतिमा के नीचे तंज के लहजे में लिखा गया है कि फ्रेंडशिप मंथ के सम्मान में. हम राष्ट्रपति ट्रंप और उनके करीबी दोस्त जेफ्री एपस्टीन के लंबे और गहरे बॉन्ड को जश्न मना रहे हैं. एक अन्य हिस्से में ट्रंप के उस कथित बर्थडे कार्ड को दिखाया गया है, जो उन्होंने एपस्टीन को भेजा था. इस 

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बता दें कि यह प्रतिमा ट्रंप और एपस्टीन के संबंधों पर विवाद के बीच सामने आई है, जहां एपस्टीन फाइल्स को सार्वजनिक करने की मांग तेज हो रही है. एपस्टीन से ट्रंप के करीबी संबंध जगजाहिर हैं लेकिन ट्रंप लगातार इससे इनकार करते रहे हैं. 

इस मूर्ति को द सीक्रेट हैंडशेक प्रोजेक्ट के तहत एक अनाम संगठन द्वारा लगाया गया है. इसका नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है. इस समूह से जुड़े प्रतिनिधि ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि ट्रंप के जीवन में कई दोस्त थे, एपस्टीन उनमें से एक है. हम उनकी दोस्ती को मूर्ति के रूप में मना रहे हैं.

वहीं, व्हाइट हाउस ने इस मूर्ति को जनता के पैसे की बर्बादी बता रहा है. इसके साथ ही ये भी सफाई दी कि ट्रंप ने एपस्टीन को 2008 में ही अपने क्लब से निकाल दिया था. बता दें कि इस घटना ने एपस्टीन स्कैंडल और ट्रंप की पुरानी दोस्ती पर नई बहस छेड़ दी है.

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