फ्रांस की संसद ने बुधवार को कानून पास कर सेक्स के लिए पैसे देने को गैरकानूनी घोषित कर दिया. इस तरह फ्रांस यूरोप का पांचवां ऐसा देश बन गया है, जहां सेक्स वर्कर्स के ग्राहकों को आपराधिक घोषित कर दिया गया है. इससे पहले स्वीडन, नॉर्वे, आइसलैंड और इंग्लैंड भी ऐसा ही कानून बना चुके हैं. हालांकि, एक सच यह भी है कि वेश्यावृत्ति का पेशा भारत समेत दुनिया के कई अन्य देशों में बैन के बावजूद भी किसी न किसी रूप में जारी है.
एक आंकड़े के मुताबिक, दुनिया के 100 प्रमुख देशों में से 49 में वेश्यावृत्ति को कानूनी मान्यता मिली हुई, जबकि 12 देशों में इसे कुछ शर्तों के साथ मान्यता हासिल है. वैश्यावृति आधुनिक समाज की देन भी नहीं है. दुनिया के तमाम देशों में राजा-महाराजाओं के काल से ही यह पेशा न सिर्फ पोषित हुआ, बल्कि इसका खूब विस्तार भी हुआ. लेकिन असल समस्या यह रही कि इस पेशे को अपनाने वालों को समाज ने हमेशा हाशिए पर रखा. जबकि कई देशों ने इसे कानूनी हक देकर मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया.
पढ़ें: फ्रांस में वेश्यावृत्ति पर जुर्माना, लगेगी क्लास
न्यूजीलैंड
यहां साल 2003 में वेश्यावृत्ति को कानूनी मान्यता दी गई. इसके लिए बकायदा सार्वजनिक स्वास्थ्य और रोजगार कानून के तहत वेश्यालयों को लाइसेंस जारी किया जाता है. यानी सेक्स वर्कर्स को दूसरे कर्मचारियों की तरह ही रोजगार से संबंधित सामाजिक लाभ हासिल है.
नीदरलैंड्स
देह व्यापार में एम्सटर्डम का रेड लाइट एरिया दुनिया का सबसे मशहूर हिस्सा है. अन्य देशों से उलट यहां लोग छिप-छिपाकर रेड लाइट एरिया में नहीं जाते. शीशे की खिड़कियों के पीछे लाल रोशनी में यहां सेक्स वर्कर्स के थिरकते जिस्म को देखने यहां टूरिस्ट खास तौर से पहुंचते हैं.
जर्मनी
जर्मनी दुनिया के उन देशों में शुमार है, जहां वेश्यावृत्ति को सबसे पहले कानूनी अधिकार दिया गया. 1927 से ही यहां वेश्यालयों के लिए लाइसेंस की व्यवस्था की गई. सेक्स वर्कर्स के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही इंश्योरेंस जैसी पहल भी की गई. यहां यौनकर्मी अपनी कमाई का एक हिस्सा टैक्स के रूप में देते हैं, जबकि एक निश्चित समय के बाद उन्हें पेंशन भी दिया जाता है.
बांग्लदेश
हमारे पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में भी वेश्यावृत्ति को कानूनी मान्यता हासिल है. हालांकि, यहां नाबालिगों की तस्करी एक गंभीर समस्या है. लेकिन वैश्यालय चलाना या वेश्यावृत्ति करना यहां जायज माना जाता है.
ऑस्ट्रिया
यहां वेश्यावृत्ति पूरी तरह कानूनी है. सेक्स वर्कर्स की सेहत का भी विशेष रूप से खयाल रखा जाता है. सबसे पहले उनका रजिस्ट्रेशन होता है और फिर समय-समय पर उनके सेहत की जांच भी होती है. इस पेशे के लिए उम्र की सीमा कम से कम 19 साल है, जबकि देश के दूसरे कर्मचारियों की तरह सेक्स वर्कर्स भी अपनी कमाई का एक हिस्सा सरकार को टैक्स के रूप में देती हैं. हालांकि, इन सब के बीच एक बड़ी समस्या मानव तस्करी और जबरन वेश्यावृत्ति की है.
ऑस्ट्रेलिया
कंगारुओं के देश में वेश्यावृत्ति को लेकर कानून राज्य दर राज्य अलग-अलग हैं. कुछ इलाकों में इसे कानूनी मान्यता हासिल है, जबकि कुछ राज्यों में इसे गैरकानूनी माना गया है. यह भी वेश्यालय के लिए लाइसेंस की व्यवस्था है.
बेल्जियम
पश्चिमी यूरोप के इस देश ने वेश्यावृत्ति को लेकर तमाम वर्जनाएं तोड़ने की कोशिश की है. यहां वेश्यावृत्ति के लिए लाइसेंस मिलता है. इस पेशे को कला के तौर पर लिया जाता है और तो और सुरक्षा के लिहाज से यहां वेश्यावृत्ति में फिंगरप्रिंट तकनकी और की-कार्ड्स जैसी भी व्यवस्था है.
ब्राजील
दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील में वेश्यावृत्ति को लेकर कानून जरा हटके है. यहा स्वतंत्र तौर पर वेश्यावृत्ति कानूनी है, लेकिन वेश्यालय चलाना या सेक्स वर्कर्स को किसी भी रूप में कर्मचारी के तौर पर रखना गैरकानूनी है. हालांकि, भ्रष्टाचार के कारण वेश्यालयों के वजूद से इनकार नहीं किया जा सकता. जबकि बच्चों का वेश्यावृत्ति में शामिल होना या उनसे जबरन वैश्यावृति करवाना यहां एक बड़ी चुनौती है. एक आंकड़े के मुताबिक, ब्राजील में 250,000 से 500,000 बच्चे वेश्यावृत्ति का हिस्सा हैं.
कनाडा
वेश्यावृत्ति को लेकर साल 2014 में लागू नया कानून कनाडा में वेश्यावृत्ति को तो कानूनी अधिकार देता है, लेकिन इस ओर खरीद को गैरकानूनी मानता है. यानी अगर आप चाहें तो वेश्यावृत्ति कर सकते हैं, लेकिन इसे कारोबार के तौर पर अपनाना गैरकानूनी है.
ग्रीस
ग्रीस में भी वेश्यावृत्ति एक कानूनी पेशा है. अन्य लोगों की तरह यहां सेक्स वर्कर्स को अपना मेडिकल बीमा भी करवाना होता है. यहां यौन कर्मियों को रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है और बकायदा आईडी कार्ड जारी किया जाता है.
इक्वाडोर
इस देश सेक्स वर्क से संबंधित सबकुछ कानूनी है. यहां वेश्यावृत्ति करना, अपना शरीर बेचना, चकला घर चलाना सबकुछ जायज है. लेकिन अगर किसी से जबरन वेश्यावृत्ति करवाई जाती है तो इक्वाडोर में इसके लिए सख्त कानून भी हैं.