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वुहान लैब का दावा- नहीं बनाया कोरोना वायरस, उत्पत्ति को लेकर रहस्य बरकरार

कोरोना वायरस के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, लेकिन वुहान लैब के प्रोफेसर युआन जिमिंग ने रॉयटर्स के सवालों के लिखित जवाब में कहा कि WIV का ऐसा कोई इरादा नहीं है और उसके पास कोरोना वायरस के डिजाइन और निर्माण की क्षमता भी नहीं है. लेकिन यह कहां से आया इस पर रहस्य बरकरार है.

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कोरोना वायरस से दुनियाभर में अब तक 2 लाख से ज्यादा लोग मर चुके हैं (फाइल-एपी)
कोरोना वायरस से दुनियाभर में अब तक 2 लाख से ज्यादा लोग मर चुके हैं (फाइल-एपी)

  • कोरोना वायरस कहां से आया, पता नहीं-वुहान लैब
  • वुहान में सबसे पहले कोरोना वायरस का पता चला
  • कोरोना की उत्पत्ति को लेकर जांच करेंगेः अमेरिका
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है. जान-माल के भारी नुकसान होने के बाद कई देशों की ओर से अब ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं कि इस खतरनाक वायरस की उत्पत्ति चीन के शहर वुहान में स्थित एक लैब से हुई है. हालांकि उस लैब के प्रमुख ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वास्तव में इसका कोई आधार नहीं है. साथ ही यह भी कहा कि अभी तक कोई निर्णायक जवाब नहीं आया है कि यह बीमारी कहां से शुरू हुई.

सिद्धांतकारों की ओर से दावा किया जा रहा है कि SARS-CoV-2 जो दुनियाभर में 2 लाख से ज्यादा मौतों के लिए जिम्मेदार है, वो वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) द्वारा संश्लेषित किया गया था. यह वही वुहान शहर है जहां सबसे पहले इस बीमारी की पहचान की गई थी.

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हालांकि ज्यादातर वैज्ञानिकों में इस बात पर रजामंदी है कि कोरोनो वायरस स्वाभाविक रूप से विकसित हुआ. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 15 अप्रैल को कहा था कि उनकी सरकार जांच कर रही है कि क्या वुहान लैब में इसकी उत्पत्ति हुई है.

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वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) में प्रोफेसर और इसकी नेशनल बॉयोसैफ्टी लैबोरेटरी के निदेशक युआन जिमिंग ने रॉयटर्स के साथ इंटरव्यू में कहा कि ऐसा दावा करना कि यह लैब से निकला बेहद दुर्भावनापूर्ण है और यह उपलब्ध सबूतों के विपरीत है.

रॉयटर्स के सवालों के लिखित जवाब में युआन जिमिंग ने कहा कि WIV का ऐसा कोई इरादा नहीं है और कोरोना वायरस के डिजाइन और निर्माण की क्षमता भी नहीं है. इसके अलावा, SARS-CoV-2 जीनोम को लेकर अभी तक कोई ऐसा संकेत भी नहीं मिला कि यह मानव निर्मित था.

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की ओर से व्यापक रूप से पढ़े गए वैज्ञानिक पेपर द्वारा कुछ षड्यंत्र के सिद्धांतों का जिक्र किया गया था. इसमें यह दावा किया गया कि कोरोना वायरस में प्रोटीन, एचआईवी के लोगों के साथ एक 'असमान समानता' साझा करता है.

हालांकि, ज्यादातर वैज्ञानिक अब कहते हैं कि SARS-CoV-2 की उत्पत्ति वन्यजीवों के बीच हुई थी, जिसमें चमगादड़ और पैंगोलिन की संभावित मेजबान प्रजातियों के रूप में पहचान की गई.

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जंगली जानवरों से 70 फीसदी बीमारियां

युआन ने कहा कि 70% से अधिक संक्रामक बीमारियां जानवरों के जरिए ही फैलती हैं, खासतौर से जंगली जानवरों से.

उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में, वैश्विक जलवायु परिवर्तन और मानव गतिविधियों के लगातार विस्तार के साथ, इंसानों और जंगली जानवरों के बीच करीबी संपर्क बढ़ने से जोखिम बढ़ता जा रहा है.

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वैज्ञानिकों का कहना है कि सभी सात ज्ञात मानव कोरोना वायरस की उत्पत्ति चमगादड़, चूहे या घरेलू जानवरों से हुई है.

चीनी विदेश मंत्रालय का दावा

युआन ने उन सिद्धांतों को भी खारिज कर दिया कि लैब से गलती से कोरोना वायरस लीक कर गया जहां चमगादड़ को लेकर रिसर्च किया जा रहा था. उन्होंने दावा किया कि लैब में जैव सुरक्षा प्रक्रियाओं को सख्ती से लागू किया गया था.

हालांकि चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने मार्च में ट्विटर पर दावा किया था कि अमेरिका में कोरोनो वायरस की उत्पत्ति हो सकती है, इसके बाद चीनी सोशल मीडिया पर ऐसी अटकलें लगाई जाने लगी कि यह अक्टूबर में आयोजित विश्व सैन्य खेलों के माध्यम से वुहान तक पहुंच गया.

युआन ने इस दावे पर सीधे कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन कहा कि वायरस की उत्पत्ति के बारे में 'अभी भी कोई जवाब नहीं' है.

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