
चीन ने मंगलवार को जनगणना के आंकड़े जारी किए. नए आंकड़ों के मुताबिक बीते दशकों में चीन की आबादी सबसे धीमी गति से बढ़ी है. चीन के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक दशक में चीन की आबादी में औसत वार्षिक वृद्धि दर 0.53 प्रतिशत रही. यह साल 2000 से 2010 के बीच 0.57% की दर से नीचे रही. चीन की आबादी अब 1.41178 बिलियन हो चुकी है.
चीन अब भी दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बना हुआ है. पिछले 10 सालों में चीन की आबादी 7.2 करोड़ बढ़ी है, लेकिन बुजुर्गों की संख्या बढ़ने से चीन के लिए एक अलग तरह की समस्या खड़ी होती जा रही है.
मगर चीन को आशंका है कि अगले 10 सालों में उसकी जनसंख्या में गिरावट आएगी जिससे कामगारों की संख्या में कमी आएगी और उसकी खपत भी घटेगी.
चीनी सरकार की ओर से मंगलवार को जारी सातवीं राष्ट्रीय जनसंख्या जनगणना के अनुसार, सभी 31 प्रांतों, स्वायत्त क्षेत्रों और नगर पालिकाओं में चीन की आबादी 1.41178 बिलियन तक पहुंच गई. इसमें हांगकांग और मकाओ की आबादी शामिल नहीं है.
गौरतलब है कि नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स (एनबीएस) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार चीन को जिन जनसांख्यिकीय संकट का सामना करना पड़ा था, वह और गहरा होने की उम्मीद थी, क्योंकि पिछले साल 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों की जनसंख्या 264 मिलियन हो गई है, जो पिछले साल 18.7 प्रतिशत थी.
नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स ने बताया कि आने वाले समय में आबादी में अधिक उम्र वालों की संख्या बढ़ने से संतुलित विकास और जनसंख्या को लेकर दबाव बढ़ेगा. आबादी में 15-59 वर्ष आयुवर्ग के लोगों की हिस्सेदारी 894 है जोकि 2010 की जनगणना के मुताबिक 6.79 घटी है.
आंकड़ों के मुताबिक 1982 में हुई जनगणना में चीन की जनसंख्या में 2.1 प्रतिशत की सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई थी. इसके बाद जनसंख्या में लगातार गिरावट दर्ज की गई. इसके लिए चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा अपनाई गई दशकों पुरानी वन चाइल्ड पॉलिसी को जिम्मेदार बताया जाता है.

नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स के प्रमुख निंग जिझे ने बताया कि आंकड़ों से पता चलता है कि चीन की आबादी ने पिछले एक दशक में धीमी वृद्धि की है. चीन में जन्मदर में भी कमी आई है. चीन में पिछले एक साल में 1.2 करोड़ बच्चों का ही जन्म लिया है. 2019 में यह आंकड़ा 1.465 करोड़ था. यानी 2020 में चीन में जन्मदर में 22 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
बहरहाल, जनसंख्या में इस गिरावट के चलते चीन के विशेषज्ञ चिंतित हैं. बताया जा रहा है कि चीन की सरकार पर इसका दबाव बढ़ गया है कि वो लोगों से बच्चे पैदा करने को कहें ताकि आबादी में कमी को रोका जा सके. चीन के जनसांख्यिकी विश्लेषकों का कहना है कि जनगणना के नतीजों से पता चलता है कि चीन की जनसंख्या में न केवल गिरावट आ रही है बल्कि इसकी जनसांख्यिकीय संरचना भी उम्र दराज लोगों की संख्या बढ़ने से बिगड़ रही है.
विश्लेषकों का कहना है कि चीन की वन चाइल्ड पॉलिसी ने चीन की आबादी के संतुलन को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. इसे ठीक करने के लिए कोई कदम उठाया जाना चाहिए.