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UK: बोरिस जॉनसन छोड़ेंगे पीएम का पद, 41 मंत्रियों की बगावत के बाद अपनी ही पार्टी में घिरे

अपनी ही पार्टी में बगावत होने के बाद ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन पद से इस्तीफा दे सकते हैं. हालांकि, नया प्रधानमंत्री चुने जाने तक वो पद पर बने रहेंगे.

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जुलाई 2019 में प्रधानमंत्री बने थे बोरिस जॉनसन. (फाइल फोटो-AP/PTI)
जुलाई 2019 में प्रधानमंत्री बने थे बोरिस जॉनसन. (फाइल फोटो-AP/PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अपनी ही कंजर्वेटिव पार्टी में घिर गए थे जॉनसन
  • ऋषि सुनक समेत 4 कैबिनेट मंत्रियों का इस्तीफा

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन इस्तीफा देने को तैयार हो गए हैं. 41 मंत्रियों की बगावत के बाद वो अपनी ही कंजर्वेटिव पार्टी में घिर गए थे. दो दिन में 40 से ज्यादा इस्तीफे आने के बाद से ही उनके ऊपर इस्तीफे का दबाव था. हालांकि, जब तक नया प्रधानमंत्री नहीं चुन लिया जाता, तब तक वो इस पद पर बने रहेंगे.

इससे पहले ब्रिटिश मीडिया स्काई न्यूज ने दावा किया था कि बोरिस जॉनसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, बाद में स्काई न्यूज ने अपनी खबर में सुधार करते हुए बताया कि वो अभी पद छोड़ने को तैयार हुए हैं. ब्रिटिश वेबसाइट बीबीसी और न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने भी जानकारी दी है कि जॉनसन अभी पद छोड़ने को राजी हुए हैं.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद अक्टूबर में पार्टी की कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें नया प्रधानमंत्री चुना जाएगा. यानी, अक्टूबर तक जॉनसन प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे.

बोरिस जॉनसन के खिलाफ उनकी अपनी ही कंजर्वेटिव पार्टी में बगावत हो गई थी. अब तक 41 मंत्री इस्तीफा दे चुके थे. तब से उनके ऊपर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया था. विपक्षी लेबर पार्टी भी उनसे इस्तीफा मांग रही थी. 

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बोरिस जॉनसन की कुर्सी पर संकट वित्त मंत्री ऋषि सुनक के इस्तीफे से शुरू हुआ था. उन्होंने 5 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके कुछ देर बाद ही स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने भी इस्तीफा दे दिया था. अब तक चार कैबिनेट मंत्री मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. इनमें ऋषि सुनक और साजिद जाविद के अलावा साइमन हार्ट और ब्रैंडन लुईस ने भी इस्तीफा दे दिया था.

बोरिस जॉनसन के खिलाफ बगावत क्रिस पिंचर की नियुक्ति को लेकर हुई थी. इसी साल फरवरी में जॉनसन ने क्रिस पिंचर को कंजर्वेटिव पार्टी का डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त किया था. 30 जून को ब्रिटिश अखबार 'द सन' ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि क्रिस पिंचर ने लंदन के एक क्लब में दो युवकों को आपत्तिजनक तरीके से छुआ था. पिंचर पर पहले भी यौन दुराचार के आरोप लगते रहे हैं. 

द सन की रिपोर्ट आने के बाद क्रिस पिंचर ने डिप्टी चीफ व्हिप के पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, उनकी ही पार्टी के सांसदों का कहना था कि जॉनसन को उनके ऊपर लगे आरोपों की जानकारी थी, उसके बाद भी उन्हें नियुक्त किया गया. वहीं, 1 जुलाई को सरकार के प्रवक्ता ने कहा था कि प्रधानमंत्री जॉनसन को इन आरोपों की जानकारी नहीं थी. लेकिन 4 जुलाई को फिर सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि जॉनसन को पिंचर पर लगे आरोपों की जानकारी थी, लेकिन इसके लिए नियुक्ति न करना सही नहीं समझा, क्योंकि आरोप अभी तक साबित नहीं हुए थे.

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5 जुलाई को ऋषि सुनक ने सबसे पहले इस्तीफा दिया था. उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा था कि लोगों को उम्मीद होती है कि सरकार ठीक तरह से काम करे. वहीं, साजिद जाविद ने अपने इस्तीफे में लिखा था कि सरकार राष्ट्र हित में काम नहीं कर रही है. 

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, दो दिन में अब तक चार कैबिनेट मंत्री, 22 मंत्री, 22 संसद के निजी सचिव और 5 अन्य लोगों ने इस्तीफा दे दिया था.

बोरिस जॉनसन की कुर्सी पर संकट पार्टीगेट सामने आने के बाद भी खड़ा हो गया था. हालांकि, वो इस संकट से बच निकले थे. उनके खिलाफ उनकी ही पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी, जिस पर 6 जून को वोटिंग हुई थी. अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान बोरिस जॉनसन के पक्ष में 211 और विपक्ष में 168 वोट पड़े थे.

पार्टीगेट का मामला पिछले साल सामने आया था. तब ब्रिटिश मीडिया ने दावा किया था कि कोरोना के सख्त लॉकडाउन के बावजूद जॉनसन पार्टी कर कर रहे थे. मामला 2020 का था. तब 19 जून को अपने बर्थडे पर जॉनसन ने डाउनिंग स्ट्रीट पर पार्टी की थी. इस पार्टी में 30 लोग शामिल हुए थे, जबकि लॉकडाउन में सिर्फ दो लोगों को ही जाने की अनुमति थी. लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने पर जॉनसन पर जुर्माना भी लगा था. इसके लिए संसद में उन्होंने माफी भी मांगी थी.

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