दुनिया आतंकवाद से बेघर हुए सीरियाई नागरिकों को शरण देने के जर्मनी के फैसले के साथ आ रही है. ब्रिटेन और फ्रांस ने भी सीरियाई शरणार्थियों को शरण देने की बात कही है.
यूरोपीय नेता शरणार्थी समस्या के हल के लिए प्रयास कर रहे हैं क्योंकि सीरिया, इराक और अन्य क्षेत्रों में संघर्ष के कारण हजारों लोग यूरोपीय संघ पहुंचने के लिए बाल्कन और भूमध्यसागर सें खतरनाक यात्रा कर रहे हैं. जर्मन चासंलर एंजेला मर्केल ने अपने नागरिकों द्वारा 20 हजार शरणार्थियों का स्वागत किये जाने की सराहना की है. सबसे अधिक शरणार्थी जर्मनी ही पहुंचे हैं. इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आगमन को यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए मील का नया पत्थर बताते हुए मर्केल ने कहा, ‘हमें जो अभी अनुभव हो रहा है वह कुछ ऐसा है जो आने वाले वषरें में हमारे देश को बदलेगा.’ उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि बदलाव सकारात्मक हो. हम मानते हैं कि हम ऐसा कर सकते हैं.’
यूरोपीय नेताओं के इस ऐतिहासिक संकट के हल करने के प्रयास तेज करने के बीच फ्रांस ने कहा कि वह 24 हजार और शरणार्थियों को अपने यहां जगह देगा. ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने 20 हजार शरणार्थियों को अपने यहां जगह देने की बात कही है. कनाडा के क्यूबेक प्रांत में इस साल 3,650 सीरियाई शरणार्थियों को जगह दी गई. इस बीच यूनान के लेसबोस द्वीप में 15,000 से अधिक शरणार्थी आ गए हैं और आव्रजन मंत्री ने चेताया है कि अब वहां जगह बिल्कुल नहीं है। लेसबोस द्वीप तुर्की के पास है. द्वीप में पिछले दिनों पुलिस और प्रवासियों तथा अलग अलग देशों के प्रवासियों के बीच कई बार झड़पें हुईं और तनाव फैल गया.