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गैंगरेप की शिकार बहादुर कायनात की कहानी

पाकिस्‍तान में गैंगरेप की शिकार जिस लड़की को उसके ही गांववालों ने दुतकार दिया था अब उसी बहादुर लड़की की कहानी ने डॉक्‍यूमेंट्री का रूप ले लिया है.

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Kainat
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पाकिस्‍तान में गैंगरेप की शिकार जिस लड़की को उसके ही गांववालों ने दुतकार दिया था अब उसी बहादुर लड़की की कहानी ने डॉक्‍यूमेंट्री का रूप ले लिया है.

यह कहानी कायनात नाम की उस लड़की की है जिसे 'कारी' या 'ब्‍लैक वर्जिन' कहकर बुलाया जाता था. लड़की ने साल 2007 में 4 लोगों पर उसके साथ गैंगरेप करने का आरोप लगाया था. लेकिन कायनात के घरवालों ने शर्मिंदगी से बचने के लिए अपनी ही बेटी को जान से मारने का हुक्‍म दे दिया. तब वह महज 13 साल की थी.

लेकिन कायनात के रिश्‍तेदारों ने उसकी ओर पीठ दिखाने से इनकार करते हुए उसकी मदद करने का प्रण लिया. कायनात ने इंसाफ के लिए लड़ने और पाकिस्‍तान में सदियों से बसे नैतिक कानूनों को चुनौती देने का फैसला किया.

कायनात के साथ हुए दर्दनाक हादसे को कई साल हो चुके हैं, लेकिन उसके परिवार की मुश्किलें जरा भी कम नहीं हुईं. जान से मार देने की धमकियों के चलते उसके परिवार को गांव छोड़ देना पड़ा. उसके पिता और एक भाई को पीटा गया, जबकि बड़े भाई की हत्‍या कर दी गई.

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कायनात ने जिस कानून का सहारा लिया उसी ने उस पर सबूतों का बोझ डाल दिया. जिसका अंजाम यह हुआ कि उसके तथाकथित आरोपी बरी कर दिए गए. कायनात और उसका परिवार अब कराची में रहता है और उनका कहना है कि उन्‍होंने 'अपना सबकुछ खो दिया है'.

कायनात की कहानी पर 'आउटलॉड इन पाकिस्‍तान' (Outlawed in Pakistan) नाम से एक डॉक्‍यूमेंट्र बनाई गई है, जिसमें दिखाया गया है कि किस तरह मुश्किल हालातों के बावजूद कायनात ने इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ी. डॉक्‍यूमेंट्री को सबसे पहले इस साल सनडांस फिल्‍म फेस्‍टीवल में दिखाया गया था. इसे पिछले हफ्ते ही अमेरिका टीवी चैनल में भी प्रसारित किया गया है.

कायनात के भाई ने डॉक्‍यूमेंट्री में फिल्‍मकार हबीबा नौशीन और हिलके शेलमेन को बताया, 'उन्‍होंने मुझे कहा कि मैं असली मर्द नहीं हूं. उन्‍होंने कहा कि तुम अपनी परंपरा निभाने में असफल रहे और तुम अपनी बहन की हत्‍या नहीं कर पाए.'

डॉक्‍यूमेंटी में लोगों ने देखा कि किस तरह कायनात ने अपने लिए वकील नियुक्‍त किया और कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की. फिल्‍म में दिखाया गया है कि इसके बावजूद जज ने उसके आरोपों को उसकी कल्‍पना की उपज बताया.

बरी होने के बाद आरोपियों ने यह भी कहा कि कायनात घर जाए और चुप बैठे. 'आउटलॉड इन पाकिस्‍तान' में दिखाया गया है कि अनगिनत मुश्किलों के बावजूद कायनात कहती है कि वह कभी हिम्‍मत नहीं हारेगी.

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