जेल में बंद बांग्लादेश में ISKCON (इस्कॉन) नेता और बांग्लादेश सनातनी जागरण जोट के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. रविवार सुबह चटगांव मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने देशद्रोह और वकील सैफुल इस्लाम की हत्या के मामले में पुलिस को चिन्मय को रिमांड पर लेने की इजाजत दे दी है.
चटगांव मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एसएम अलाउद्दीन की कोर्ट ने रविवार सुबह ये आदेश पारित किया है. सहायक लोक अभियोजक मोहम्मद राइहानुल वाजेद चौधरी ने मामले की पुष्टि की है.
अभियोजक मोहम्मद ने बताया कि पुलिस ने दो मामलों में रिमांड की मांग की थी. जिसके बाद इसकी मंजूरी मिल गई. जेल गेट पर उनसे पूछताछ की जाएगी. दोनों मामलों में एक-एक दिन की पूछताछ की इजाजत मिली है. यानि दो दिनों की रिमांड की मंजूरी मिली है.
खास बात ये है कि मामले की सुनवाई के दौरान चिन्मय दास को अदालत में पेश नहीं किया गया.
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हिंसक प्रदर्शन और हत्या के मामले में फंसे चिन्मय
इससे पहले 6 मई को चटग्राम की एक कोर्ट ने 26 नवंबर 2024 को चटग्राम में हुई हिंसक घटनाओं से जुड़े चार अलग-अलग मामलों में गिरफ्तारी दिखाने का आदेश पारित किया था. इन मामलों में एक हत्याकांड भी शामिल है, जो कि वकील अलीफ के भाई की ओर से दायर की गई थी.
26 नवंबर 2024 को चटगांव अदालत परिसर में हिंसा भड़क गई थी. यह हिंसा तब भड़की थी जब बांग्लादेश राष्ट्रीय पार्टी (बीएनपी) के निष्कासित नेता फिरोज़ खान की देशद्रोह के मामले में जमानत याचिका खारिज दी गई थी.
इस हिंसक घटना को लेकर पांच अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे. जिसमें दो हजार से ज्यादा लोगों का आरोपी बनाया गया.
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इससे पहले 26 नवंबर 2024 को एक कोर्ट ने चिन्मय को देशद्रोह के मामले में जमानत याचिका को खारिज करते हुए जेल भेजने का आदेश दिया था.
बता दें कि हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2025 को चिन्मय को जमानत दी थी. लेकिन सरकार ने जमानत को लेकर हस्तक्षेप किया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. उनकी रिहाई पर ब्रेक लग गया और फिर पांच नए मामलों में आरोपी बनाया गया.