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'अगला नंबर किसी भी इस्लामिक राजधानी का...', इजरायल के खिलाफ 60 मुस्लिम देशों में क्या बातें हुईं?

कतर की राजधानी दोहा पर हुए इजरायल के हमले ने पश्चिम एशिया के देशों को जल्दबाजी में आपात बैठक बुलाने पर मजबूर किया. अरब देशों ने एक सुर में इजरायल की आलोचना की और इजरायल के खिलाफ हर मुमकिन प्रतिरोध की आवाज बुलंद की. इस मीटिंग में ईरान का बयान बाकी मुल्कों को अलर्ट करने वाला था.

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पाकिस्तान ने मुस्लिम देशों से एकजुटता की अपील की है. (Photo:X/@OIC_OCI)
पाकिस्तान ने मुस्लिम देशों से एकजुटता की अपील की है. (Photo:X/@OIC_OCI)

 ईरान ने कतर में हुए इजरायली हमले के बाद दुनिया के मुस्लिम देशों को आगाह किया है और उनसे कहा है कि मुस्लिम देशों के पास एक ही विकल्प है कि वे एक हो जाएं. राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने कतर की राजधानी दोहा में हुए अरब-इस्लामिक आपातकालीन शिखर सम्मेलन में कहा कि कल किसी भी अरब देश या इस्लामिक राजधानी की बारी आ सकती है. मुस्लिम देशों के सामने अब स्पष्ट चॉइस है कि वे एकजुट हो जाएं.

इजरायल ने कतर पर हमला 9 सितंबर 2025 को किया था. यह हमला कतर की राजधानी दोहा में हुआ और उसका मुख्य लक्ष्य वहां मौजूद हमास के वरिष्ठ नेता थे. इस हमले में 6 लोगों के मौत हुई थी.

अरब समेत दुनिया के मुस्लिम देशों ने कतर की राजधानी दोहा में हमास के अड्डे पर हुए इजरायली हमले की तीखी आलोचना की है. कतर की राजधानी दोहा में 15 सितंबर 2025 को आयोजित अरब-इस्लामिक आपातकालीन शिखर सम्मेलन में अरब लीग और इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के लगभग 60 सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और विदेश मंत्री एकत्र हुए. 

इन देशों ने कतर की राजधानी दोहा में हमास के अड्डे पर इजरायली हमले की निंदा की. कतर ने इस हमले को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया. कतारी प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने कहा कि यह हमला शांति वार्ताओं को बाधित करने का प्रयास था और देश इज़रायल के अपराधों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे. 

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कल किसी भी अरब देश की बारी

सम्मेलन में पहुंचे सभी अरब और इस्लामी देशों ने कतर की संप्रभुता की रक्षा के लिए "पूर्ण समर्थन" का वादा किया. 

कुछ ही महीने पहले इजरायली हमले का शिकार हुए ईरान ने इस अटैक पर गहरा रोष जताया.

जून 2025 में कतर में स्थित अल-उदीद एयर बेस पर मिसाइल हमला करने वाले ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने इजरायल द्वारा कतर पर किए गए अटैक की निंदा की और कहा कि कल किसी भी अरब देश या इस्लामिक राजधानी की बारी आ सकती है. ईरान ने कहा कि विकल्प स्पष्ट है हमें एकजुट होना पड़ेगा. 

पेजेशकियान ने इससे पहले मुस्लिम देशों से अपील की थी कि वे इजरायल से संबंध तोड़ लें. दोहा रवाना होने से पहले पेजेशकियन ने कहा, "यह संभव है कि इस्लामी देश इस नकली स्टेट से अपने संबंध तोड़ लें और यथासंभव एकता और सामंजस्य बनाए रखें." 

इस सम्मेलन की मेजबानी कर रहे और इजरायली हमले का शिकार हुए कतर ने कहा कि यह हमला शांति वार्ताओं को बाधित करने का प्रयास था और देश इज़राइल के अपराधों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे. 

कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने इज़रायल पर कतर में हमास की ओर से वार्ता कर रहे मध्यस्थों पर हमला करके युद्धविराम वार्ता को विफल करने का आरोप लगाया. 

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अमीर ने शिखर सम्मेलन में कहा, "जो कोई भी वार्ता में शामिल पक्ष की हत्या करने की कोशिश करता है वह वार्ता को विफल करने का इरादा रखता है."

उन्होंने यह भी कहा कि इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू "अरब क्षेत्र को इज़रायली प्रभाव क्षेत्र में बदलने का सपना देख रहे हैं और यह एक खतरनाक भ्रम है."

इजरायल को मान्यता देने वाले 5 मुस्लिम देश भी हुए शामिल

इस मीटिंग में कतर के साथी खाड़ी देश संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मिस्र, जॉर्डन और मोरक्को भी शामिल थे. ये वो देश हैं जो इजरायल को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देते हैं.

इसके अलावा इस शिखर सम्मेलन में सऊदी अरब के शासक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन, इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तय्यिप एर्दोगान और फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास भी उपस्थित थे. 

तुर्की के तीखे बोल 

तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन ने इस मीटिंग में इजरायल के खिलाफ तीखे शब्दों का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा, "हम एक ऐसी आतंकवादी मानसिकता से जूझ रहे हैं जो अराजकता और रक्तपात पर पनपती है और एक राज्य में मिली हुई है. यह मानसिकता जो खुलेआम संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करती है और नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को चुनौती देती है, इसलिए जीवित है क्योंकि इसके अपराधों पर कोई कार्रवाई नहीं होती."

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उन्होंने आगे कहा, "इजरायली अधिकारियों में एक लालची और खूनी मानसिकता है. उन्होंने इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार पर नरसंहार जारी रखने और क्षेत्र को अराजकता में धकेलने का आरोप लगाया. 

पाकिस्तान का मुस्लिम उम्मा का राग 

इस मीटिंग में शिरकत कर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इजरायल की आक्रामकता की कड़ी निंदा की. उन्होंने कतर के साथ पाकिस्तान की अटूट एकजुटता की पुष्टि की और क्षेत्र में शांति के लिए हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया. पाकिस्तान ने न्यायसंगत और स्थायी टू स्टेट समाधान पर बल दिया. 

शहबाज शरीफ ने कहा कि इजरायली उकसावे के सामने मुस्लिम उम्मा के भीतर एकजुटता जरूरी है. 

दोहा में आपातकालीन अरब-इस्लामिक शिखर सम्मेलन के दौरान कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ एक बैठक के दौरान उन्होंने जोर देकर कहा कि मध्य पूर्व में इजरायल की आक्रामकता को तुरंत रोका जाना चाहिए. 

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