अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने अपना क्रूर चेहरा दिखाना शुरू कर दिया है. गुरुवार को पंजशीर प्रांत के बाजारख शहर में तालिबान के लड़ाकों ने अहमद शाह मसूद के मकबरे पर तोड़फोड़ की. तालिबान के लड़ाकों ने यहां शीशों को तोड़ा और बाकी चीज़ों को भारी नुकसान पहुंचाया.
अहम बात ये है कि आज ही अहमद शाह मसूद की 20वीं बरसी है, 9 सितंबर 2001 को अलकायदा के आतंकियों ने अहमद शाह मसूद की हत्या कर दी थी. इसके ठीक दो दिन बाद अलकायदा ने अमेरिका में आतंकी हमला किया था.
1990 के दशक से पहले जब अफगानिस्तान पर सोवियत ने कब्जा किया था, तब अहमद शाह मसूद की अगुवाई में ही पंजशीर के लड़ाकों ने उन्हें मात दी थी. सोवियत के जाने के बाद अमेरिका ने अपने पैर पसारने शुरू किए थे.
شکستن شیشه مقبره مسعود در پنجشیر واکنش برانگیز شد
— Aamaj News (@AamajN) September 9, 2021
تصاویر تازهی که در اختیار آماج قرار گرفته، حکایت از شکستن شیشه و سنگ مقبره فرمانده احمد شاه مسعود دارد. پیش ازین نشر این خبر واکنشهای را همراه شده و برخیها این کار طالبان را دشمنی با ارزشهای یک قوم تلقی کردهاند.#آماج_نیوز pic.twitter.com/BVjVPdkSSv
अहमद शाह मसूद के बेटे लड़ रहे हैं जंग
गौरतलब है कि अब दो दशक के बाद शेर ए पंजशीर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद तालिबान के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं. पंजशीर इलाके में नॉर्दर्न एलायंस की ओर से तालिबान को कड़ी चुनौती दी जा रही है.
तालिबान ने दावा किया है कि पंजशीर पर उसका कब्जा हो गया है, लेकिन इससे उलट नॉर्दर्न एलायंस का कहना है कि 60 फीसदी पंजशीर पर अभी भी उनका ही अधिकार है. अहमद मसूद और अमरुल्ला सालेह इस वक्त पंजशीर में ही मौजूद हैं.
तालिबान और नॉर्दर्न एलायंस के बीच बातचीत हुई थी, लेकिन कोई भी हल नहीं निकला. इसके बाद दोनों गुटों में काफी मुठभेड़ हुई, जिसमें सैकड़ों लड़ाकों की जान चली गई है. हालांकि, अभी बीते कुछ दिनों में पंजशीर में शांत माहौल है लेकिन नॉर्दर्न एलायंस का दावा है कि वो आखिरी दम तक अपनी ज़मीन नहीं छोड़ेंगे.