खसरा (मीजल्स) और रूबेला जैसी बच्चों की घातक बीमारियों से बचाव के लिए भारत और नीदरलैंड ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. आधिकारिक बयान के मुताबिक, सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भारत सरकार के 'मेक इन इंडिया' प्रयास के तहत किए गए हैं.
इस समझौते के बाद उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के चोला स्थित जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रम, भारत इम्युनोलाजिक्स एंड बायोलॉजिकल्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (बिबकोल) में इन बीमारियों से बचाव के टीके तैयार किए जाएंगे.
नीदरलैंड का इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशनल वैक्सिनोलॉजी इसके लिए तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएगा. नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट की भारत यात्रा के दौरान इस करार पत्र पर हस्ताक्षर किए गए. विज्ञान प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मामलों के मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस सहयोग की सराहना करते हुए कहा है कि इससे खसरा और रूबेला और अन्य जरूरतमंद टीकों का बड़े पैमाने पर उत्पादन संभव होगा तथा हजारों बच्चों की जान बचाई जा सकेंगी.
उन्होंने कहा कि देश में पोलियो उन्मूलन के बाद अब सरकार का ध्यान खसरा तथा रूबेला जैसी बीमारियों के नियंत्रण/उन्मूलन पर होगा, जिन्हें टीकों के जरिए रोका जा सकता है.
इनपुट IANS