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अफगानिस्तान ने भारत में स्थायी रूप से बंद किया अपना दूतावास, बयान जारी कर कही ये बात

अफगानिस्तान ने भारत में नई दिल्ली स्थित अपने दूतावास को स्थायी तौर पर बंद करने का फैसला लिया है. अफगानी दूतावास की ओर से एक बयान जारी कर इस संबंध में जानकारी दी गई.

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अफगानिस्तान ने नई दिल्ली स्थित अपने दूतावास को स्थायी तौर पर बंद कर दिया है.
अफगानिस्तान ने नई दिल्ली स्थित अपने दूतावास को स्थायी तौर पर बंद कर दिया है.

अफगानिस्तान ने नई दिल्ली स्थित अपने दूतावास को स्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की है. नई दिल्ली में अपने राजनयिक मिशन को बंद करने पर एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए अफगान दूतावास ने कहा, 'भारत सरकार की ओर से लगातार आ रही चुनौतियों के कारण 23 नवंबर, 2023 से यह आदेश प्रभावी होता है. यह निर्णय दूतावास द्वारा 30 सितंबर को संचालन बंद करने के निर्णय का अनुपालन करता है. यह कदम इस उम्मीद में उठाया गया था कि मिशन को सामान्य रूप से संचालित करने के लिए भारत सरकार का रुख अनुकूल रूप से बदल जाएगा.'

अफगानिस्तानी दूतावास ने आगे कहा कि यह 'संज्ञानात्मक' है कि कुछ लोग इस कदम को आंतरिक संघर्ष के रूप में लेबल करने का प्रयास कर सकते हैं, जिसमें कहा जा सकता है कि राजनयिकों ने तालिबान के प्रति निष्ठा बदल ली है. लेकिन 'यह निर्णय नीति और हितों में व्यापक बदलाव का परिणाम है.' दूतावास ने कहा, 'भारत में हमारे मिशन के कार्यकाल के दौरान अफगान नागरिकों की समझ और समर्थन के लिए हम अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. सीमित संसाधनों और शक्तियों के बावजूद, हमने काबुल में वैध सरकार की अनुपस्थिति में भारत में मौजूद हमारे नागरिकों की बेहतरी के लिए अथक प्रयास किए.'

अफगानिस्तान दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'हम अफगान समुदाय को आश्वस्त करते हैं कि मिशन पारदर्शिता, जवाबदेही और भारत के साथ ऐतिहासिक संबंधों और द्विपक्षीय संबंधों को ध्यान में रखते हुए अफगानिस्तान की सद्भावना और हितों के आधार पर निष्पक्षता और प्रतिबद्धता के साथ संचालित हुआ.' इससे पहले 30 सितंबर को अफगानिस्तान दूतावास ने एक बयान में कहा था कि वह 'मेजबान सरकार से अपेक्षित समर्थन नहीं मिलने, संसाधनों और कार्मिकों की कमी के कारण अफगानिस्तान के सर्वोत्तम हितों की सेवा करने में अपेक्षाओं को पूरा करने में सफल नहीं हो रहा है. इसलिए 1 अक्टूबर से अपना परिचालन बंद कर रहा है.'

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नई दिल्ली स्थित अफगानिस्तान दूतावास ने अपने बयान में कहा, 'जो लोग किसी अन्य समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं, अगर वे तालिबान का समर्थन करते हैं तो यह भारत सरकार का निर्णय होगा. लेकिन हमने भारत सरकार से कहा कि जब तक अफगानिस्तान में कोई वैध सरकार नहीं आती है, तब तक हमारे गौरव हमारे झंडे को फहराने का सम्मान दिया जाए और राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन 1961 के मानदंडों के आधार पर दूतावास को तब तक बंद रखा जाए, जब तक अफगानिस्तान में कोई वैध सरकार काबिज नहीं होती. आज से भारत में इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई भी राजनयिक नहीं है. अगर कोई ऐसा दावा करता है तो उसे इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान का प्रतिनिधि नहीं माना जाए.'

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