
इजरायल और ईरान के बीच लगातार जारी हमलों के चलते आम नागरिकों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यहां तक कह दिया कि ईरानी लोग अपनी सुरक्षा के लिए तेहरान को खाली कर दें. यह वही शहर है जहां एक करोड़ से अधिक लोग रहते हैं.
इजरायल में पहले भी हो चुका है आंतरिक विस्थापन
इंटरनल डिस्प्लेसमेंट मॉनिटरिंग सेंटर (IDMC) के अनुसार, 2011 से 2022 के बीच इजरायल में संघर्ष और हिंसा के चलते करीब 2.3 लाख बार आंतरिक विस्थापन हुआ, जिससे कम से कम 2.6 लाख लोग प्रभावित हुए. 2023 में यह आंकड़ा सबसे अधिक था. तब 2 लाख लोगों का विस्थापन हुआ. 2024 में यह संख्या घटकर 68,000 रह गई.
मिडिल ईस्ट में आंतरिक विस्थापन की भयावह तस्वीर
2025 के ग्लोबल रिपोर्ट ऑन इंटरनल डिस्प्लेसमेंट (GRID 2025) के अनुसार, मिडिल ईस्ट के कई देशों में संघर्ष और अस्थिरता के कारण 2024 में बड़े पैमाने पर आंतरिक विस्थापन देखा गया.
सीरिया में 74 लाख से ज्यादा लोग आंतरिक विस्थापन का शिकार हैं, और हर साल लगभग 7 लाख बार विस्थापन होता है. यमन में लगभग 48 लाख लोग विस्थापित हैं. फिलिस्तीन और लेबनान, जो लंबे समय से संघर्ष की चपेट में हैं, वहां 20.3 लाख और 9.9 लाख लोग 2024 में विस्थापित हुए.

आंतरिक विस्थापन वैश्विक मुद्दा है, लेकिन सबसे ज्यादा मिडिल ईस्ट प्रभावित
2024 में संघर्ष और हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों की संख्या में मिडिल ईस्ट का बड़ा हिस्सा रहा. दुनिया के उन पांच देशों में जिनमें 2024 में सबसे ज्यादा लोग आंतरिक विस्थापन में जीवन बिता रहे हैं, दो देश सीरिया और यमन मिडिल ईस्ट से हैं.

2024 में संघर्ष और हिंसा के कारण वैश्विक स्तर पर 2.01 करोड़ बार विस्थापन हुआ. वर्ष के अंत तक, 8.34 करोड़ लोग आंतरिक विस्थापन की स्थिति में थे. यह संख्या 2015 की तुलना में 106% अधिक है, जब 4.05 करोड़ लोग विस्थापित थे.