सीरियाई सेना के भीषण हमले के बाद दमिश्क में सैकड़ों शव पाए गए हैं. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति बशर अल असद के सैनिकों पर ‘नरसंहार’ का आरोप लगाया है. एक निगरानी संस्था ने यह जानकारी दी.
विद्रोहियों द्वारा जारी किये गए एक वीडियो में एक मस्जिद परिसर में रखे शवों को दिखाया गया है. इससे पहले सैनिकों की विद्रोहियों के साथ मुठभेड़ हुई थी. ये विद्रोही राजधानी के बाहरी इलाके में एकत्र हुए थे.
‘सीरियन आब्जरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ ने बताया है कि 320 शव शनिवार और रविवार को मिले हैं. ये लोग दारया में पांच दिनों की सैन्य कार्रवाई में मारे गए विद्रोही हैं.
सीरिया में जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के नेटवर्क ‘लोकल कोर्डिनेशन कमिटी’ ने इसे राष्ट्रपति बशर अल असद के शासन के द्वारा किया गया नरसंहार बताया है.
मानवाधिकार संगठनों ने असद सरकार के खिलाफ पिछले साल मार्च में शुरू हुए विद्रोह के बाद से शासन द्वारा कई ज्यादती किए जाने का आरोप लगाया है. वहीं, संयुक्त राष्ट्र की एक समिति ने इस महीने के शुरूआत में कहा था कि वह (सीरिया शासन) मानवता के खिलाफ अपराध करने का दोषी है.
मानवाधिकार संगठनों ने असद सरकार के खिलाफ पिछले साल मार्च में शुरू हुए विद्रोह के बाद से शासन द्वारा कई ज्यादती किए जाने का आरोप लगाया है. वहीं, संयुक्त राष्ट्र की एक समिति ने इस महीने के शुरूआत में कहा था कि वह (सीरिया शासन) मानवता के खिलाफ अपराध करने का दोषी है. विद्रोहियों ने यूट्यूब पर एक वीडियो जारी कर दर्जनों शवों को दिखाया है.
देश की सरकारी टीवी ने बताया कि सुन्नी मुस्लिम शहर दारया की आबादी दो लाख है. इसे विद्रोहियों से मुक्त कराया जा रहा है.
गौरतलब है कि सेना ने दो हफ्ते के भीषण संघर्ष के बाद दमिश्क के अधिकांश इलाके पर जुलाई के अंत में दोबारा कब्जा करने का दावा किया था. ज्यादातर विद्रोही पास के इलाकों में भागने को मजबूर हो गये थे लेकिन इसके बाद उन्हें हमले कर भागने का कार्य जारी रखा.
सरकारी अखबार अथ थावरा ने रविवार को बताया कि हमारे सशस्त्र बलों ने दारया को सशस्त्र आतंकियों से मुक्त करा दिया है. निगरानी संस्था ने बताया कि देश भर में कल कम से कम 183 लोग मारे गए हैं.
संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं ने 15 अगस्त को कहा था कि सरकारी सेना और उनकी सहयोगी मिलीशिया ने मानवता के खिलाफ अपराध किया है तथा विद्रोहियों ने भी कम मात्रा में युद्ध अपराध किया है.