
विक्टोरियन युग में लोग पैसा कमाने के लिए एक ऐसी नौकरी करते थे, जिसमें उन्हें गटर में जाकर लोगों के उन बेशकीमती सामानों को ढूंढना होता था जो गलती से फ्लश हो गए हों. जैसे सोने-हीरे की अंगूठी, चेन या सिक्के. इस नौकरी को करने वालों को टोशर्स (Toshers) कहते थे.
Smithsonian Magazine के मुताबिक, इस नौकरी में कई बार टोशर्स गंभीर बिमारियों का भी शिकार हो जाते थे. क्योंकि वे कभी-कभी सामान ढूंढने के लिए घंटों तक गटर के अंदर रहते थे. और गटर में रहने के दौरान कई बार वे जहरीली गैस के कारण उन्हें गंभीर बिमारियां या इंफेक्शन हो जाता था.

लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि उस दौर में एक टोशर साल का करीब 22 हजार पाउंड (20 लाख 71 हजार रुपये) कमा लिया करता था. जो उस समय के हिसाब से एक बड़ी रकम हुआ करती थी.
उस दौर में जब अमीर लोग सड़क पार करते थे तब एक तबका जिन्हें क्रॉसिंग स्वीपर्स (Crossing Sweepers) कहा जाता था, वे उनके रास्ता क्रॉस करने से पहले उसे साफ करते थे. ऐसा इसलिए ताकि अमीर लोगों के जूते और कपड़े खराब न हो जाएं. इसकी एवज में अमीर लोग क्रॉसिंग स्वीपर्स को पैसा दिया करते थे. जिसके दम पर ये लोग अपना गुजारा किया करते थे.

ये क्रॉसिंग स्वीपर्स ज्यादातर कम उम्र के बच्चे या बुजुर्ग हुआ करते थे. इतना ही नहीं, आपको ये जानकर हैरानी होगी कि एक समय ऐसा भी आया था जब इस काम के लिए कंपीटिशन काफी बढ़ गया था. और क्रॉसिंग स्वीपर्स ने अपना-अपना काम करने का एक एरिया बना लिया. जिसके बाद अगर कोई भी क्रॉसिंग स्वीपर किसी दूसरे के एरिया में जाकर काम करने लगता तो उनके बीच हाथापाई तक हो जाती. और उस दौरान रास्ते में क्रॉसिंग स्वीपर्स के बीच लड़ाई होना काफी आम बात हो गई थी.

विक्टोरियन एरा के दौरान मेडिकल रिसर्च के लिए डेड बॉडीज की डिमांड काफी ज्यादा हुआ करती थी. ऐसे में ग्रेव रॉबर्स (Grave Robbers) या रीसरेक्शनिस्ट्स (Resurrectionists) का काम होता था कि वे लोगों की कब्रों को खोदकर, फिर वहां से शव चुराकर रिसर्च करने वालों को बेचना. लेकिन कई बार जब डेड बॉडीज की डिमांड ज्यादा बढ़ जाती तो उसे पूरा करने के लिए ग्रेव रॉबर्स खुद ही लोगों की हत्या कर देते. फिर उनके शवों को रिसर्चर्स को बेच देते.

साथ ही उस दौरान लोगों की कब्रों से बॉडीज का चोरी हो जाना एक आम बात बन गया था. The Guardian के मुताबिक, मशहूर हास्य कलाकार चार्ली चैपलिन की बॉडी को भी इसी तरह चुरा लिया गया था. जिसके बदले में उनकी पत्नी से काफी मोटी रकम मांगी गई थी. लेकिन बाद में उन चोरों को पकड़ लिया गया. फिर चार्ली की बॉडी को दोबारा कंक्रीट की कब्र बनाकर दफनाया गया.
उस दौरान एक और अजीबोगरीब नौकरी लोग किया करते थे. इसे करने वालों को विच हंटर (Witch Hunter) कहा जाता था. इस प्रोफेशन में विच हंटर का काम होता था कि जो भी महिला काले जादू का काम करती है, उसे पकड़ कर कोर्ट में पेश करना. बता दें, विच हंटर्स इससे पहले भी होते थे. जानकारी के मुताबिक, मैथ्यू होपकिन्स 17वीं सदी के जाने माने विच हंटर माने जाते थे. 1644 में उन्हें एक शख्स ने बताया कि एक महिला उन पर काला जादू करके उन्हें मार डालना चाहती है.

जिसके बाद मैथ्यू ने तहकीकात शुरू की. उन्होंने उस महिला पर नजर रखना शुरू कर दी. जिसके बाद उन्होंने एक ही नहीं, बल्कि 23 महिलाओं को पकड़ा जिनके शरीर में डेविल मार्क था और वो काला जादू करती थीं. इसके उन सभी को कोर्ट में पेश किया गया. फिर 23 में से 19 महिलाओं को फांसी दे दी गई. बाकी बची महिलाओं ने जेल में अपनी जिंदगी बिताई.

विक्टोरियन एरा के दौरान लीच यानि जोंक का इस्तेमाल मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए किया जाता था. उन्हीं में से एक ट्रीटमेंट था बल्डलेटिंग (Bloodletting). उस समय इस कारण लीच की काफी डिमांड हुआ करती थी. और इसी हाई डिमांड के चलते एक नए प्रोफेशन की शुरुआत हुई. जिसमें लीच या जोंक को एकत्रित करके मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए बेचना होता था. इस काम को करने वालों को लीच कलेक्टर (Leech Collector) कहते थे.

लेकिन ये काम इतना भी आसान नहीं था. क्योंकि लीच को पकड़ने के लिए लीच कलेक्टर कपड़ों को ऊपर कर नंगी टांगों से पानी में उतरते थे. फिर जब जोंक उनकी टांगों में चिपक जाती थी तो वे उसे निकालकर बेचने के लिए रख देते थे. लेकिन इस दौरान लीच उनका बहुत सा खून पी जाती थी. जिस कारण वे कई बार एनीमिया का शिकार हो जाते थे.