दोहा के पास फंसे 200 भारतीयों ने प्रधानमंत्री मोदी से मदद की गुहार लगाई है. 5 महीने से वेतन नहीं मिलने की वजह से लाचार और भूखे-प्यासे दिन काट रहे मजदूरों ने उनसे वतन वापसी के लिए मदद मांगी है. इन दिनों पीएम मोदी अपने कतर दौरे में भारतीयों से मिल रहे हैं. पीएम ने उनके साथ खाना भी खाया है.
दर्द, भूख-प्यास और वतन लौटने की तड़प
दोहा के पास भारतीयों का एक जत्था ऐसा भी है जो पांच महीनों से वेतन ना मिलने के चलते भूखे-प्यासे दिन काटने को मजबूर है. 'आज तक' से बातचीत में इन भारतीयों ने अपना दर्द बयान किया. इनकी बातों में दर्द है, भूख-प्यास है और वतन लौटने की तड़प भी है.
इन शब्दों में छलका भारतीय मजदूरों का दर्द
पीएम मोदी ने भारतीय कामगारों से मुलाकात तो की, लेकिन वहां फंसे भारतीय कामगारों का जत्था उनसे नहीं मिल सका. इन भारतीय मजदूरों का दर्द इन शब्दों में उभरकर सामने आया है-
'मोदीजी हमें यहां जुल्म से बचा लिजिए ..'
'5 महीने से वेतन नहीं तो कैसे खाएं खाना'
'कंपनी ने अपने पैसे पर लौटने को कहा'
'भारतीय एंबेसी हमारी मदद नहीं करती'
विदेश मंत्रालय ने भारतीय मजदूरों की इस गुहार का संज्ञान लिया है. इस मामले में कार्रवाई के लिए मंत्रालय जरूरी तथ्य जुटा रहा है.
दोहा से 70 किलोमीटर दूर कैंप में फंसे हैं ये मजदूर
दोहा से 70 किलोमीटर दूर कैंप में फंसे भारतीयों ने 'आज तक' से बताया कि वो बिना सहारे यहां पडे हैं. न हाथ में पैसे हैं और न ही पेट में खाना. प्रधानमंत्री मोदी भी कतर के दौरे पर हैं. भारतीय मजदूरों से उनकी मुलाकात के दौरान भी स्थानीय कंपनी के चंगुल में फंसे ये भारतीय लोग उन तक पहुंचने में कामयाब नहीं हो सके.
पीएम मोदी भी उठाएंगे इन मजदूरों का मुद्दा
कतर के इन कैंप्स के बारे में बीजेपी प्रवक्ता एम जे अकबर ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा है कि वह इन सारे मसलों को वहां उठाने वाले हैं. वह भारतीय कामगारों और दूसरे लोगों से मिल रहे हैं. वहां रह रहे भारतीय लोगों की बेहतरी हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है. वहां के सरकार से इस बारे में बात हो रही है.
पूरी दुनिया में गूंजा 'सबका साथ सबका विकास'
अकबर ने कहा कि बीजेपी और हमारे अध्यक्ष अमित शाह को गर्व है कि पीएम मोदीजी को अफगानिस्तान का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान दिया गया है. आज तक भारत के किसी भी पीएम को यह सम्मान नहीं मिला है. 'सबका साथ सबका विकास' का नारा अब पूरी दुनिया में गूंज रहा है.