इजरायल-फिलिस्तीन के मौजूदा टकराव के बीच अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने इजरायल को 73.5 करोड़ डॉलर यानी करीब 5.4 हजार करोड़ रुपये के हथियार बेचने को मंजूरी दी है. बाइडन के इस फैसले को लेकर डेमोक्रेट्स सांसदों ने सवाल खड़े किए हैं. हालांकि पहले कहा जा रहा था कि इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी हिंसा के बावजूद सांसदों की तरफ से इस समझौते पर आपत्ति किए जाने की कोई संभावना नहीं है. रक्षा सौदों पर आपत्ति जताने वाले ये वे सांसद हैं जिन्होंने इजरायल का समर्थन करने को लेकर अमेरिकी नेतृत्व पर भी बेहिचक सवाल खड़े किए हैं. बाइडन प्रशासन इजरायल का लगातार बचाव कर रहा है. अमेरिका ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इजरायल-फिलिस्तीन के संघर्ष पर तीसरी बार बयान जारी होने से रोका.
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तीन सांसदों के सहयोगियों ने बताया कि हथियारों की बिक्री के बड़े समझौते से पहले इसके बारे में संसद को आधिकारिक रूप से 5 मई को अधिसूचित किया गया था. वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, बिक्री की योजना के बारे में संसद को अप्रैल में ही सूचित कर दिया गया था. लेकिन अब कुछ सांसदों ने रक्षा सौदों पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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बताते चलें कि अमेरिकी कानून के मुताबिक, औपचारिक अधिसूचना के बाद कैपिटल हिल यानी अमेरिकी संसद को बिक्री पर आपत्ति जताने के लिए 15 दिन का समय मिलता है. दरअसल, इस बिक्री पर आपत्ति की संभावना इसलिए नहीं जताई जा रही थी क्योंकि अमेरिका में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों ही पार्टियां इजरायल का समर्थन कर रही हैं.
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बहरहाल, फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के रॉकेट हमले और इजरायल की जवाबी कार्रवाई में 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. बाइडन प्रशासन ने शुरू में तत्काल संघर्षविराम का आह्वान करने से परहेज किया और कहा कि इजरायल को हमास के खिलाफ खुद का बचाव करने का अधिकार है. शुरू में अमेरिकी प्रशासन के इस रुख पर कांग्रेस के ज्यादातर सदस्यों ने समर्थन किया था. लेकिन सांसदों की नई पीढ़ी इजरायल के अमेरिकी समर्थन पर सवाल करने को लेकर अधिक मुखर है. कुछ सांसद हथियारों की प्रस्तावित बिक्री के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं. वे चाहते हैं कि इसमें उनकी राय को भी शामिल किया जाए.
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अमेरिकी सीनेट के विदेश मामलों की समिति के एक सदस्य ने वॉशिंगटन पोस्ट को बताया, 'पिछले हफ्ते इजरायली सेना के हमलों में कई नागरिकों की जान चली गई. इजरायली सेना ने गाजा में अमेरिकी मीडिया संस्थान एसोसिएटेड प्रेस की इमारत को ध्वस्त कर दिया है.'
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डेमोक्रेटिक सांसद ने कहा कि सीजफायर का दबाव डाले बिना हथियार बेचने से इजरायल सिर्फ नरसंहार को अंजाम देगा. उन्होंने कहा "स्मार्ट बमों की इस प्रस्तावित बिक्री को इजरायल पर युद्धविराम पर सहमत होने के लिए दबाव डाले बिना आगे बढ़ने की इजाजत देना केवल नरसंहार को बढ़ावा देगा."
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नियमों के मुताबिक, अमेरिकी प्रशासन को इस तरह की बिक्री के बारे में कांग्रेस को सूचित करने की आवश्यकता होती है, हालांकि आधिकारिक अधिसूचना आम तौर पर कांग्रेस के अनौपचारिक रूप से सहमत होने के बाद ही आती है. एक बार औपचारिक अधिसूचना जारी हो जाने के बाद प्रस्ताव पर आपत्ति जताने के लिए 15 दिन का वक्त होता है.
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प्रस्तावित रक्षा सौदा के मुताबिक, ज्वाइंट डायरेक्ट अटैक म्यूनिशन या जेडीएएमएस किट में वो बम शामिल हैं जो सटीक तरीके से मार करने वाली मिसाइलों की तरह काम करते हैं. इजरायल पहले भी अमेरिका से ऐसे बम खरीद चुका है. इजरायल का दावा है कि वह यह बम इसलिए खरीद रहा है ताकि हमास के रॉकेट के हमलों से नागरिकों की सुरक्षा की जा सके. इजरायल का आरोप है कि हमास गाजा पट्टी में अपने बचाव में लोगों को अपनी ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है.
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डेमोक्रेट्स सांसदों के विरोध के बावजूद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को 8 अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री को मंजूरी दी थी. उस दौरान डेमोक्रेट्स सांसदों का कहना था कि इससे मध्यपूर्व में हथियारों की होड़ बढ़ेगी. बाइडन ने अमेरिका की सत्ता में आते ही सऊदी और यूएई से रक्षा सौदों को अस्थायी तौर पर टाल दिया था, लेकिन यह भी विरोधाभास ही है कि मध्य पूर्व के एक अन्य देश इजरायल को हथियार बेचने को उन्होंने मंजूरी दे दी है. लिहाजा, डेमोक्रेटिक पार्टी के रुख में बदलाव की बात कही जाने लगी है.
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विदेश मामलों की समिति के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि कांग्रेस को 5 मई को इस सौदे के बारे में सूचित किया गया था जिसमें इजरायल को बोइंग हथियार मुहैया कराया जाएगा. लेकिन कुछ सांसद 14 मई को इस डील के बारे में जान पाए और हैरान रह गए. डेमोक्रेटिक पार्टी के एक सदस्य ने बताया, 'हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें हथियारों की बिक्री के बारे में पता चल गया.'
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ग्रेगरी डब्ल्यू मीक्स (डी-एन.वाई.) की अध्यक्षता वाली समिति के सहयोगी ने कहा, "विदेश मामलों की समिति में पारदर्शिता नहीं है और संवेदनशील सौदों को नियमित रूप से बिना जांच के मंजूरी दी जाती है."
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डेमोक्रेटिक सीनेट के एक सहयोगी ने बताया कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि पार्टी के रवैये में बड़ा बदलाव आया है. हम हर बात में इजरायल के लिए हामी भरने लगे हैं. उन्होंने कहा कि इसकी संभावना कम है कि सौदा रद्द कर दिया जाए. प्रस्तावित हथियारों की बिक्री से इजरायल की आलोचना को लेकर डेमोक्रेट्स के बीच मतभेद बढ़ने की संभावना है.
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यह सच है कि डेमोक्रेटिक पार्टी में एक ऐसा मजबूत गुट है जो इजरायल का समर्थन करता है. इनमें सीनेट नेता और न्यूयॉर्क के सांसद चार्ल्स ई. शूमर, सीनेट में विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष और न्यू जर्सी के रॉबर्ट मेनेंडेज़ और मैरीलैंड के स्टेनी एच. होयर शामिल हैं. अमेरिका के इन इन सभी नेताओं ने इजरायल के आत्मरक्षा के हक की वकालत की है.
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लेकिन पार्टी में एक धड़ा वो भी जो इजरायल को समर्थन देने के पुराने रुख के खिलाफ खड़ा है. डेमोक्रेटिक पार्टी के नए सांसदों का यह धड़ा फिलिस्तीनियों पर हमले को लेकर इजरायल के रुख से नाराज है और सवाल खड़े कर रहा है. इन नए सांसदों ने बाइडन प्रशासन और कांग्रेस के नेताओं पर दबाव डाला है. इससे डेमोक्रेट्स सांसदों के बीच मतभेद उभर कर सामने आए हैं.
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सांसद मार्क पोकन ने ट्वीट किया, 'हम सिर्फ यह नहीं कर सकते हैं कि हमास के रॉकेट हमलों की निंदा करें और इजरायल के फिलिस्तीनियों पर हमले को नजरअंदाज कर दें. इसमें फिलिस्तीनियों की गैर-कानूनी बेदखली, प्रदर्शनकारियों पर हिंसक हमले, और फिलिस्तीनी बच्चों की हत्या शामिल है. अमेरिका को इस हिंसा का समर्थन नहीं करना चाहिए.'
Agreed.
— Rep. Mark Pocan (@repmarkpocan) May 11, 2021
We cannot just condemn rockets fired by Hamas and ignore Israel's state-sanctioned police violence against Palestinians—including unlawful evictions, violent attacks on protestors & the murder of Palestinian children.
U.S. aid should not be funding this violence. https://t.co/5ObpNIzMMg
यहां तक कि इजरायल समर्थकों ने भी बेंजामिन नेतान्याहू की सैन्य कार्रवाइयों की निंदा की है. मेनेंडेज़ ने एसोसिएटेड प्रेस और अन्य मीडिया संस्थानों को निशाना बनाने पर शनिवार को एक बयान जारी था. मेनेंडेज़ ने ट्वीट किया, "मैं इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों की रिपोर्ट से बहुत परेशान हूं, जिसके चलते गाजा में निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई और साथ ही इजरायल ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों की इमारतों को निशाना बनाया."
My statement on violence across Israel and Gaza: pic.twitter.com/OdsDojRdFr
— Senate Foreign Relations Committee (@SFRCdems) May 15, 2021