अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को चेतावनी दी कि अगर ईरान ने अपने मेजर जनरल का बदला लेने की कोशिश की तो वह ईरान की सांस्कृतिक ठिकानों को तबाह कर देंगे. ट्रंप ने धमकी दी कि अगर इराक ने अपने देश से अमेरिकी फौज को हटने के लिए मजबूर किया तो वह उस पर बहुत कड़े प्रतिबंध थोप देंगे.
फ्लोरिडा से अपनी छुट्टी बिताकर लौट रहे ट्रंप ने संवाददाताओं के सामने शनिवार को किए गए ट्वीट की बात दोहराई और कहा कि ईरान में 52 ठिकाने अमेरिका के निशाने पर हैं. इनमें से कई सांस्कृतिक महत्व की जगहें भी हैं. ट्रंप का इशारा ईरान की मस्जिदों और उसकी ऐतिहासिक धरोहरों की ओर था.
ट्रंप ने कहा, "उन्हें हमारे लोगों को मारने की इजाजत है. वे हमारे लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं. उनका जहां मन करता है, बम गिरा देते हैं और हमारे लोगों को उड़ा देते हैं तो फिर हमें उनकी सांस्कृतिक स्थलों को हाथ लगाने की इजाजत क्यों नहीं है, दुनिया ऐसे नहीं चलती है."
ट्रंप की यह टिप्पणी अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के उनके ट्वीट के खिलाफ खड़े होने के बाद आई है. पोम्पियो ने कहा था कि ईरान के साथ किसी भी तरह का युद्ध या संघर्ष कानून की सीमाओं के दायरे में ही होगा.
ईरान की बदले की कार्रवाई की आशंका पर ट्रंप ने कहा, जो होना है, हो जाए. अगर ईरान कुछ भी करता है तो इसका करारा जवाब दिया जाएगा.
ट्रंप ने कहा कि उनकी फौज को इराक से निकाला जाता है तो उस पर कड़े प्रतिबंध लगाएंगे. बता दें कि इराक की संसद ने रविवार को ही देश से विदेशी सेना को बाहर निकालने का प्रस्ताव पारित किया है.
दरअसल, अमेरिका ने इराक की राजधानी बगदाद में ही एयर स्ट्राइक कर ईरानी
जनरल सुलेमानी को मार गिराया था जिसे इराक ने अपनी संप्रभुता का उल्लंघन
करार दिया है. दूसरी तरफ, इराक अमेरिका के खिलाफ ईरान का साथ दे रहा है.
जनरल सुलेमानी का इराक में अच्छा खासा प्रभाव था और उन्होंने कई मौकों पर
इराक की मदद की थी.
ट्रंप ने कहा, वहां पर हमारा बहुत ही महंगा एयरबेस है. उसे बनाने में अरबों डॉलर्स खर्च हुए हैं. मेरे आने से पहले. हम इराक तब तक नहीं छोड़ेंगे, जब तक वे हमें इसकी कीमत अदा ना कर दें.
इसके बाद ट्रंप ने आक्रामक भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा, अगर वे हमसे देश छोड़ने के लिए कहते हैं तो हम बहुत दोस्ताना तरीके से ऐसा नहीं करने वाले हैं, हम उन पर ऐसे प्रतिबंध थोपेंगे जो उन्होंने पहले कभी नहीं झेले होंगे. उन प्रतिबंधों के आगे ईरान पर लगे प्रतिबंध भी तुच्छ नजर आएंगे.
ट्रंप ने कहा, अगर किसी तरह की दुश्मनी है और वे कुछ ऐसा करते हैं जो हमारे हिसाब से ठीक नहीं है तो हम इराक पर प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं, बहुत कड़े प्रतिबंध...
हालांकि, ये भी विंडबना है कि ट्रंप अमेरिकी सेना को बाहर निकालने को लेकर
इराक पर प्रतिबंध लगाने के लिए कह रहे हैं जबकि 2016 के चुनावी कैंपेन के
दौरान उन्होंने खुद विदेशों से अमेरिकी फौज को वापस बुलाने का वादा किया था.
राष्ट्रपति ने शुक्रवार को ट्वीट कर मेजर जनरल सुलेमानी को कई लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि अब सुलेमानी के आतंक का युग खत्म हो गया है. अधिकारियों का कहना है कि बगदाद एयरपोर्ट पर अमेरिकी स्ट्राइक अमेरिकी कॉन्ट्रैक्टर की मौत और इराक में अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले का ही बदला था.
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि वह निजी तौर पर जनरल सुलेमानी को टपिछले 18
महीनों से ट्रैक कर रहे थे. ट्रंप ने कहा कि सुलेमानी अपने देश को एक बहुत
ही खतरनाक और बुरे रास्ते पर ले जा रहे थे.
बता दें कि ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों को नष्ट करना युद्ध अपराध की
श्रेणी में आता है. जेनेवा और हेग में हुए अंतरराष्ट्रीय समझौतों में भी
सांस्कृतिक स्थलों को निशाना बनाने को प्रतिबंधित किया गया है. 2017 में
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एकमत से ऐतिहासिक धरोहरों को नष्ट किए
जाने की आलोचना की थी. ट्रंप अगर ऐसी कोई कार्रवाई करते हैं तो इसमें आम
लोगों की जानें जाना तय है.