रूस ने दो साल बाद पाकिस्तान से चावल के आयात पर से प्रतिबंध हटा लिया है. रूस ने एक ऐसा कदम उठाया है जिससे पाकिस्तानी चावल उत्पादकों को अपनी आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी. पाकिस्तान ने 2019 तक रूस को हर साल लगभग 35 हजार टन चावल और 40-50 मिलियन डॉलर मूल्य के अन्य अनाज का निर्यात किया था. पाकिस्तान के लिए यह राहत की बात है, क्योंकि वह चावल निर्यात के मामले में दुनिया में चौथे पायदान पर है जबकि भारत सबसे बड़ा निर्यातक है.
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पाकिस्तान के खाद्य सुरक्षा विभाग ने आधिकारिक बयान जारी कर बताया, "रूस ने 11 जून 2021 से पाकिस्तान से चावल के आयात पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है." शुरुआत में रूस के नेशनल प्लांट प्रोटेक्शन ऑर्गेनाइजेशन (NPPO) ने चावल निर्यात के लिए पाकिस्तान की चार चावल कंपनियों को मंजूरी दी है. इनमें दो कराची, एक लाहौर और चौथी चिनियट में स्थित है.
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पाकिस्तान के लिए यह राहत की खबर तब सामने आई जब यूरोपीय कमीशन में बासमती चावल के टैग के लिए अप्लाई करने को लेकर वह भारत से खफा है. भारत ने यूरोपीय यूनियन में बासमती चावल के विशेष ट्रेडमार्क के लिए आवेदन दिया है. इससे भारत को बासमती चावल के टाइटल का मालिकाना हक मिल जाएगा. लेकिन पाकिस्तान ने भारत के इस कदम पर विरोध जताया था. पाकिस्तान का कहना था कि इससे उसका चावल कारोबार प्रभावित होगा.
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गल्फ न्यूज के मुताबिक पाकिस्तान के खाद्य सुरक्षा मंत्रालय ने बताया कि विभाग के उप निदेशक सोहेल शहजाद पिछले एक साल से पाकिस्तानी चावल से प्रतिबंध हटाने के लिए रूस के साथ बातचीत कर रहे थे. उन्होंने रूस को सभी आवश्यक तकनीकी जानकारी दी. वहीं व्यापार मंत्री रूस नासिर हमीद ने इस मुद्दे को उठाया और रूसी अधिकारियों के साथ इस मसले पर बातचीत की.
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पाकिस्तान से भेजे गए चावल की खेप में कंकड़ मिलने के बाद से रूस ने मई 2019 में पाकिस्तानी चावल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था.
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पाकिस्तान दुनिया में चावल के शीर्ष पांच निर्यातक देशों में से एक है. पाकिस्तान सालाना लगभग 7.4 मिलियन टन चावल का उत्पादन करता है, जिसमें से लगभग 4 मिलियन टन का निर्यात किया जाता है. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है और पाकिस्तान 2.2 अरब डॉलर के कारोबार के साथ चौथे स्थान पर है.
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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान मंत्री सैयद फखर इमाम ने शुक्रवार को कहा कि इस कदम से "रूसी बाजारों के साथ-साथ अन्य बाजारों में चावल के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है." उन्होंने डीपीपी, वाणिज्य मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की जो मॉस्को में पाकिस्तान दूतावास के साथ जुड़े रहे और "रूसी बाजारों में स्थानीय चावल निर्यात को फिर से शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई."
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मंत्री फखर ने उम्मीद व्यक्त की कि रूसी बाजारों में चावल के निर्यात को फिर से शुरू करने से हर साल अतिरिक्त 200 से 300 मिलियन डॉलर की कमाई करने में मदद मिलेगी. इससे स्थानीय उत्पादकों को अनिवार्य रूप से लाभ होगा. उन्होंने कहा कि कृषि विकास पाकिस्तान में 8.94 मिलियन से अधिक किसान परिवारों की समृद्धि से जुड़ा हुआ है. पाकिस्तान और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले साल 790 मिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंची थी, जो अबतक सबसे अधिक है.
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दोनों देश अप्रैल 2021 में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की इस्लामाबाद यात्रा के दौरान ऊर्जा, औद्योगिक आधुनिकीकरण, रेलवे और विमानन के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों में विविधता लाने और बढ़ाने के लिए सहमत हुए. पिछले महीने, इस्लामाबाद और मॉस्को ने 1,100 किलोमीटर लंबे गैस पाइपलाइन के निर्माण के लिए संशोधित समझौते पर हस्ताक्षर किए.
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