मिस्र के राष्ट्रपति पद से हुस्नी मुबारक के हटने की घोषणा करने के बाद पश्चिम एशियाई देशों में खुशी की लहर दौड़ गई.
मुबारक ने सआदत की हत्या के आठ दिन बाद 18 अक्तूबर 1981 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी.
मुबारक ने 1983 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा से गुट निरपेक्ष देशों का सम्मेलन में मुलाकात की.
मिस्र की वायुसेना के कमांडर रहे मुबारक जनता के बीच कम अपील के बावजूद तीन दशक तक सत्ता संभालने में कामयाब रहे.
मुबारक ने जब से सत्ता संभाली, उन्होंने अर्ध सैन्य नेता के रूप में शासन किया.
मुबारक वर्ष 1981 के बाद से तीन चुनावों में निर्विरोध निर्वाचित हुए. उन्होंने वर्ष 2005 में चौथी बार लड़े चुनाव में प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों को खड़ा होने की अनुमति देने के लिये व्यवस्था में बदलाव कर दिया.
कभी भी धूम्रपान या मद्यपान नहीं करने वाले मुबारक ने खुद की छवि स्वस्थ जीवन जीने वाले नेता के रूप में स्थापित की.
मुबारक के करीबी अक्सर उनकी जीवनशैली के बारे में शिकायत करते थे क्योंकि उनका दिन जिम में कसरत करने या स्क्वॉश खेलने से शुरू होता था.
मुबारक ने साल 2010 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से वाशिंगटन स्थित ओवल दफ्तर में मुलाकात की. अपने शक्तिशाली सहयोगी देश अमेरिका के जोर दिये जाने के बीच मुबारक अपने शासनकाल में पहली बार देश में लोकतंत्र को बढ़ावा देने के दबाव में आ गये.
मुबारक ने दो दशकों से सत्ता में काबिज ट्यूनिशिया के राष्ट्रपति जिन अल अबिदीन बेन अली से मुलाकात की.
मुबारक की फलस्तीनी नेता यासिर अराफात और इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के साथ मुलाकात की तस्वीर.
मिस्र में बीते करीब दो हफ्तों के दौरान हुए विरोध प्रदर्शनों के चलते हुस्नी मुबारक को मिस्र के राष्ट्रपति पद से हटना पड़ा है. विभिन्न शहरों में हजारों लोग इंटरनेट पर चले अभियान के बाद विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए. काहिरा के तहरीर चौक पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे अत्यधिक गरीबी, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी से आजिज आ चुके हैं.
1986 में तत्कालीन इजरायली प्रधानमंत्री सिमोन पेरेस के साथ मुबारक.
राष्ट्रपति पद से हटने के हुस्नी मुबारक के फैसले के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने मिस्र की जनता की उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिये तारीफ की जिसके नतीजतन संकट से घिरे राष्ट्रपति को सत्ता छोड़नी पड़ी है. बान ने एक बयान में कहा, ‘मैं मिस्र की जनता के उस शांतिपूर्ण, साहसी और व्यवस्थित तरीके की तारीफ करता हूं जो उन्होंने अपने वैध अधिकारों के तहत अपनाया.’ संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने ‘पारदर्शी, व्यवस्थित और शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण’ करने की जरूरत पर जोर दिया है.
मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के पद छोड़ने के फैसले का और तय समय सीमा में सत्ता के शांतिपूर्वक हस्तांतरण के लिए सशस्त्र बलों की सर्वोच्च परिषद की प्रतिबद्धता का भारत ने स्वागत किया. विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने मिस्र के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया जताते हुए एक बयान में कहा, ‘मिस्र की जनता की इच्छा को देखते हुए मुबारक के पद छोड़ने के फैसले का हम स्वागत करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हम प्रशासन का लोकतांत्रिक ढांचा स्थापित करने और उसकी शुरूआत करने के लिए तय समय में सत्ता का शांतिपूर्वक हस्तांतरण सुनिश्चित करने संबंधी सशस्त्र बलों की सर्वोच्च परिषद की प्रतिबद्धता का भी स्वागत करते हैं.’ मिस्र के साथ भारत के परंपरागत करीबी संबंधों का जिक्र करते हुए कृष्णा ने मिस्र वासियों के लिए शांति, स्थिरता और समृद्धि की कामना की.