भारत सऊदी अरब से तेल आयात करने वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ग्राहक देश है. लेकिन ईंधन उत्पादन में मामूली वृद्धि के फैसलों के बीच भारतीय रिफाइनरियां मई में सऊदी अरब से सामान्य से 36 फीसदी कम तेल का आयात करेंगी. (फोटो-PTI)
नई दिल्ली ने कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के लिए सऊदी और अन्य तेल उत्पादक देशों द्वारा उत्पादन में कटौती करने का आरोप लगाया है. भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी कोरोना महामारी से उबरने की कोशिश कर रही है. (फाइल फोटो)
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत की सरकारी रिफाइनरियों ने मई में 9.5 मिलियन बैरल तेल सऊदी से खरीदने के आदेश दिए हैं. भारत की पहले 10.8 मिलियन बैरल तेल खरीदने की योजना थी, लेकिन सऊदी के रुख को देखते हुए कम तेल खरीदने के ऑर्डर दिए गए हैं. (फाइल फोटो-Getty Images)
इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड आम तौर पर एक महीने में 14.8 मिलियन बैरल तेल सऊदी अरब से खरीदती हैं. (फाइल फोटो-PTI)
सूत्रों ने बताया कि तेल आयात बढ़ाने को लेकर भारत के केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सऊदी के प्रिंस अब्दुल अजीज बिन सलमान के बीच हुई वार्ता के बाद कम तेल खरीदने का फैसला लिया गया है. हालांकि, दोनों मंत्रियों के बीच क्या वार्ता हुई, इसके बारे में पूरा पता नहीं चल पाया. (फाइल फोटो-PTI)
इससे पहले, तेल की कीमतों को कम करने के भारत के अनुरोध को दरकिनार करते हुए सऊदी अरब ने तेल के दाम बढ़ा दिए थे. केंद्रीय तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस पर निराशा जाहिर की थी और रिफाइनरियों से तेल आयात में कटौती के लिए कदम उठाने को कहा था. भारत के इस कदम को सऊदी अरब के फैसले से निपटने के कदम के तौर पर देखा गया. (फाइल फोटो-Getty Images)
बहरहाल, भारतीय कंपनियों, सऊदी अरामको या सऊदी तेल मंत्रालय की तरफ से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है. तेल उत्पादक और निर्यातक देशों के संगठन OPEC+ ने गुरुवार को मई से अपने तेल प्रोडक्शन में कटौती को धीरे-धीरे कम करने के लिए सहमति व्यक्त की थी. अमेरिका के बाइडेन प्रशासन की तरफ से किफायती ईंधन मुहैया कराये जाने के अनुरोध पर सऊदी अरब ने यह बात कही थी. (फोटो-रॉयटर्स)
सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको ने मई में एशिया के लिए निर्यात किए जाने वाले तेल के दाम बढ़ा दिए जबकि यूरोप अमेरिकी बाजारों के लिए कीमतों में कोई बदलाव नहीं किए गए. एक सूत्र ने बताया कि हम इस बात से हैरान हैं कि सऊदी ने एशिया के लिए तेल की कीमतें बढ़ा दी लेकिन यूरोप और अमेरिका के लिए उसमें अपने दामों में कोई बदलाव नहीं किए. (फोटो-रॉयटर्स)
फिलहाल, भारत ने देश की रिफाइनरियों से खाड़ी देशों से तेल की निर्भरता को कम करने के लिए कच्चे तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी करने को निर्देश दिए हैं. भारत ने स्वदेशी कंपनियों से ब्राजील के टुपी ग्रेड, गुयना के लिजा और नॉर्वे के जोहान सेव्रेड्रुप से कच्चा तेल आयात करने को कहा है. लिहाजा इन कंपनियों ने डायवर्सिफिकेशन शुरू कर दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को कहा कि हमने हमेशा माना है कि कच्चे तेल की आपूर्ति कृत्रिम रूप से प्रबंधित होने के बजाय बाजार से होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भले ही ओपेक+ ने तेल उत्पादन कटौती में थोड़ी ढील देने की घोषणा की है, फिर भी वे भारत की उम्मीदों से बहुत कम है. (फोटो-PTI)