किसी भी स्थिति में विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को स्वीडन को प्रत्यर्पित करने की ब्रिटेन की धमकी के बीच इक्वाडोर ने उन्हें शरण दे दी जिसके साथ ही ब्रिटेन और इक्वाडोर के बीच अप्रत्याशित राजनयिक टकराव की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
लंदन में विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के समर्थन में प्रदर्शन करते लोगों को गिरफ्तार करती पुलिस.
इक्वाडोर के फैसले से अप्रत्याशित राजनयिक गतिरोध उत्पन्न हो गया क्योंकि असांजे ब्रिटिश पुलिस के नजर पर चढ़े हुए हैं. ब्रिटिश पुलिस के जवान इक्वाडोर दूतावास के बाहर तैनात हैं और जैसे ही वह बाहर आयेंगे, वे उन्हें गिरफ्तार कर लेंगे.
असांजे ने यौन अपराधों के आरोपों का सामना करने के लिए स्वीडन को प्रत्यर्पित किये जाने से बचाने के लिए नाटकीय ढंग से लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में शरण मांगी थी.
उसके महज दो माह बाद इक्वाडोर की वामपंथी सरकार ने गुरुवार को कहा कि उसने उन्हें अपने साये में लेने का फैसला किया है क्योंकि इस बात का डर है कि उन्हें ‘सैन्य अदालतों’ का सामना करने के लिए अंतत: अमेरिका भेजा जा सकता है.
इक्वाडोर के विदेश मंत्री रिकाडरे पैटिनो ने अपने देश की राजधानी क्विटो में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि स्वीडन, ब्रिटेन और अमेरिका इस बात की गांरटी नहीं दे पाए कि 41 वर्षीय आस्ट्रेलियाई नागरिक को स्वीडन से अमेरिका प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा.
इक्वाडोर की इस घोषणा के बाद ब्रिटेन ने कहा कि यह एक निराशाजनक फैसला है लेकिन उसने इस बात पर जोर दिया कि वह इस भंडाफोड़ करने वाले को स्वीडन को प्रत्यर्पित करने के लिए बाध्य है.
ब्रिटिश विदेश मंत्रालय की एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम अपनी उस बाध्यता (दायित्व) को पूरा करेंगे. इक्वाडोर सरकार का फैसला उसे नहीं बदल सकता.’ उन्होंने स्पष्ट किया कि शरण पाने का मतलब यह नहीं कि असांजे की मुसीबतें खत्म हो गयी हैं.
इससे पहले ब्रिटेन ने कहा था कि उसे असांजे को गिरफ्तार करने तथा उन्हें स्वीडन को प्रत्यर्पित करने के लिए लिए राजनयिक और महावाणिज्यिक परिसर कानून, 1987 के तहत दूतावास के राजनयिक दर्जे को वापस लेने का और फिर उसमें घुसने का हक है.
इक्वाडोर ने कहा था कि यदि असांजे को ब्रिटेन के हवाले नहीं किया गया तो उस स्थिति के लिए वह उसके दूतावास पर हमले की धमकी दे रहा है.