ब्रिटेन की कोर्ट ने गुरुवार को अपने फैसले में दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल-मक्तूम को अपनी दोनों बेटियों का अपहरण कराने का दोषी ठहराया है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि दुबई शासक ने अपनी पूर्व पत्नी को डराया-धमकाया जिसकी वजह से वह अपने दो बच्चों समेत लंदन भागने को मजबूर हुईं.
बता दें कि 70 वर्षीय शेख मोहम्मद बिन राशिद की पूर्व पत्नी प्रिसेंस हया अप्रैल महीने में अपने पति से 'आतंकित' होकर उनसे अलग हो गई थीं. वह अपने बेटे जायेद (7) और बेटी अल
जालिला (11) को लेकर ब्रिटेन भाग गई थीं.
70 वर्षीय शेख मोहम्मद बिन राशिद यूएई के उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी हैं. वहीं, प्रिसेंज हया जॉर्डन के दिवंगत राजा हुसैन की बेटी हैं और जॉर्डन के राजा
की सौतेली बहन हैं. ब्रिटिश
राजगद्दी के उत्तराधिकारियों के साथ भी उनकी करीबी है.
प्रिसेंस के फरार होने के बाद दुबई शासक अपने दोनों बच्चों को यूएई वापस लाना चाह रहे थे. लेकिन हया ने लंदन की कोर्ट में बच्चों की कस्टडी के लिए केस दायर कर दिया और कोर्ट से नॉन मोलेस्टेशन ऑर्डर जारी करने की अपील भी कर दी.
हया ने लंदन कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज से अपहरण और पति द्वारा दोनों वयस्क बेटियों की नजरबंदी के बारे में भी जांच करने के लिए कहा था. बता दें कि हया 2004 में शेख की छठवीं बीवी बनी थीं. दुबई शासक की पूर्व पत्नियों से भी कई बच्चे हैं.
शेख मोहम्मद ने कोर्ट की सुनवाई को सार्वजनिक होने से रोकने के लिए तमाम कोशिशें कीं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अर्जी ठुकरा दी.
जज एंड्र्यू मैकफरलेन ने पाया कि शेख मोहम्मद ने अगस्त 2000 में अपनी 19 वर्षीय बेटी शेख शमसा का अपहरण करवाया था. उसके बाद उसे जबरन दुबई लौटने के लिए मजबूर किया गया और उसकी आजादी को छीन लिया गया.
जज ने पाया कि शमसा की बहन लतीफा के साथ भी यही सलूक किया गया और उसे भी दो बार जबरन दुबई वापस लाया गया. मार्च 2018 में जब लतीफा ने देश छोड़कर भागने की कोशिश की थी तो पूरी दुनिया की मीडिया में इसे लेकर सुर्खियां बनी थीं.
कोर्ट की सुनवाई सार्वजनिक होने के बाद शेख मोहम्मद ने इन दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया और कहा कि यह केस उनकी निजी जिंदगी और उनके बच्चों से जुड़ा हुआ है.