चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 'सेंट्रल पार्टी स्कूल' की एक पूर्व प्रोफेसर काई शिआ ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोरोना महामारी सही से हैंडल नहीं किया. कुछ ही दिन पहले कथित तौर से जिनपिंग की आलोचना करने वाले ऑडियो लीक होने के बाद काई शिआ को 'सेंट्रल पार्टी स्कूल' से निकाल दिया गया था.
theguardian.com की रिपोर्ट के मुताबिक, काई शिआ ने कहा है कि अगर वे (जिनपिंग) 7 जनवरी को वायरस के बारे में जानते थे तो इसका ऐलान उन्होंने 20 जनवरी को क्यों किया? दूसरे शब्दों में कहें तो अगर लोग उनसे खबर छिपा रहे थे तो यह सिस्टम की दिक्कत थी. लेकिन उन्होंने 7 जनवरी को जानकारी मिलने के बाद भी जनता को नहीं बताया, क्या उन्हें जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए?
'सेंट्रल पार्टी स्कूल' की पूर्व प्रोफेसर काई शिआ ने कहा कि वह 2016 से ही पार्टी छोड़ना चाहती थीं क्योंकि बातचीत की जगह काफी घट गई थी. उन्होंने चीन की अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के लिए भी जिनपिंग को जिम्मेदार ठहराया.
जिनपिंग कभी खुद 'सेंट्रल पार्टी स्कूल' के प्रमुख हुआ करते थे. इस बात से यह समझा जा सकता है कि कम्युनिस्ट पार्टी के लिए इस राजनीतिक स्कूल का कितना महत्व है. इसलिए जिनपिंग पर काई शिआ के आरोपों को काफी अहम समझा जा रहा है.
काई शिआ ने कहा कि जब कोई उनका विरोध नहीं कर सकता तो इसका मतलब है कि उनके पास असीमित शक्ति है. उन्होंने दुनिया को दुश्मन बना लिया है. चीन में हर बड़े फैसले वे खुद लेते हैं. किसी के लिए भी उन्हें रोकना काफी मुश्किल भरा है. अगर एक फैसला गलत हो जाता है तो उनके नीचे के लोग गलती के बारे में उन्हें बताने से डरते हैं. इसकी वजह से स्थिति बिगड़ जाती है.