चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने हाल ही में एक एंटी-टैंक ट्रेनिंग यूनिट बनाई है. वो इस यूनिट के साथ इस समय समुद्र तल से 4500 मीटर ऊंचाई पर ट्रेनिंग और मिलिट्री अभ्यास कर रहा है. परेशान करने वाली बात ये है कि अभ्यास पीएलए के पश्चिमी कमांड यानी शिनजियांग मिलिट्री रीजन में किया जा रहा है. यह इलाका लद्दाख के पास मौजूद LAC के उसपार पड़ता है. (फोटोः ट्विटर/जीसस रोमन)
अर्बन वॉरफेयर को कवर करने वाले पत्रकार जीसस रोमन ने ट्वीट करके चीन के इस मिलिट्री अभ्यास की तस्वीरें दिखाई हैं. इन तस्वीरों में 2xकमांड व्हीकल्स (डॉन्गफेंग मेंग्शी व्हीकल बेस), 8 HJ-10 निगरानी क्षमता से लैस व्हील्ड एंटी टैंक मिसाइल सिस्टम, 4 ट्रांसपोर्ट लोडिंग व्हीकल्स और 4 लोडर्स दिख रहे हैं. जीसस रोमन ने अपनी तस्वीर में लिखा है कि ये तस्वीरें उन्हें CCTV7 से मिली हैं. (फोटोः ट्विटर/जीसस रोमन)
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— Jesus Roman (@jesusfroman) June 7, 2022
CCTV7 showed a newly created anti-tank training unit for 4,500m above sea level equiped with the NORINCO HJ-10 (Red Arrow-10) anti-tank missiles. A bit of a platform overkilling IMHO.
Very interesting the sensor payloads that could also be supplemented by tethered UAVs pic.twitter.com/9EnDwSHaks
जीसस रोमन ने अपने ट्वीट में लिखा है कि जो सैन्य वाहन इस मिलिट्री अभ्यास के दौरान दिख रहे हैं, वो नॉरिंको एचजे-10/रेड एरो-10 (NORINCO HJ-10/Red Arrow-10) एंटी-टैंक मिसाइलों से लैस हैं. यहां कुछ खास तरह के सेंसर पेलोड्स भी दिख रहे हैं, जो किसी तार वाले अनमैन्ड एरियल व्हीकल (Tethered UAVs) से संबंधित लगते हैं. (फोटोः ट्विटर/जीसस रोमन)
अब हम आपको बताते हैं कि रेड एरो-10 एंटी-टैंक मिसाइल का बॉर्डर के पास होने का मतलब क्या है? इसकी ताकत कितनी है. HJ-10 यानी रेड एरो-10 एंटी-टैंक मिसाइल को चीन ने बनाया है. यह मिसाइल न दिखने वाले टैंक्स पर भी दागी जा सकती है. एंटी-हेलिकॉप्टर भी उपयोग की जा सकती है. हवा से सतह पर या सतह से सतह पर मार कर सकती है. यानी यह सिर्फ टैंक उड़ाने के लिए नहीं है. बल्कि इसका उपयोग किसी भी तरह से किया जा सकता है. (फोटोः चाइना मिलिट्री/झांग वेंजू)
रेड एरो-10 एंटी-टैंक मिसाइल में HEAT यानी हाई-एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक हथियार लगाया जाता है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 10 किलोमीटर है. यानी चीन अगर LAC के पास कहीं रखकर इसे दागता है तो उससे भारतीय सेना और पोस्ट के लिए बड़ा खतरा हो सकता है. (फोटोः चाइना मिलिट्री/झांग वेंजू)
रेड एरो-10 एंटी-टैंक मिसाइल की लंबाई 73 इंच होती है. व्यास 6.7 इंच होता है. इसका वजन 43 किलोग्राम है. इस मिसाइल से सिर्फ हमला नहीं किया जाता है, बल्कि सर्च अभियान के लिए भी दागा जा सकता है. फिर सर्च के साथ ही हमला भी किया जा सकता है. हमला करते समय इसकी गति 250 मीटर प्रति सेकेंड होती है. यानी एक मिनट में 15 हजार मीटर मतलब 15 किलोमीटर. ये गति बहुत तेज है. इससे बचना मुश्किल हो सकता है. (फोटोः चाइना मिलिट्री/झांग वेंजू)
ऐसा माना जाता है कि चीन की सेना के पास ऐसे 100 रेड एरो-10 एंटी-टैंक मिसाइल लॉन्च सिस्टम हैं. जिनका उपयोग वह किसी भी समय कर सकता है. भारत के लिए यह खतरनाक बात है क्योंकि अगर इस मिलिट्री अभ्यास के बाद चीन ने इसे LAC के पास तैनात कर दिया तो काफी ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. (फोटोः चाइना मिलिट्री/झांग वेंजू)