क्वॉड देशों की शुक्रवार को हुई पहली बैठक को लेकर चीन की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया आई है. क्वॉड समूह में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. इसके अलावा, अमेरिकी रक्षा मंत्री इसी हफ्ते जापान, दक्षिण कोरिया और भारत के दौरे पर भी आने वाले हैं. इसे लेकर भी चीन की बेचैनी साफ दिखाई दी. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे छोटे समूहों को बनाने से अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था तबाह हो जाएगी.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान से रॉयटर्स न्यूज एजेंसी ने सवाल किया था, "क्वॉड देशों ने 12 मार्च को अपनी पहली समिट की. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सलिविन ने एक बयान में कहा कि चारों देशों के नेताओं ने चीन के खतरे पर चर्चा की और उन्हें भरोसा है कि लोकतंत्र चीन की तानाशाही को जड़ से खत्म करने में कामयाब रहेगा. इसे लेकर आप क्या कहना चाहेंगे?"
चीनी प्रवक्ता ने जवाब में कहा, कुछ समय से कुछ देश चीन को कथित खतरे के रूप में बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं ताकि क्षेत्र में विवाद के बीज बोए जा सकें. हालांकि, उनकी ये गतिविधियां शांति, विकास, सहयोग और इन देशों के लोगों की आकांक्षाओं के दौर के विपरीत हैं और वे अपने मंसूबे में कामयाब नहीं होंगे.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, "देशों की आपसी बातचीत और पारस्परिक सहयोग एक-दूसरे के प्रति विश्वास बढ़ाने के लिए होनी चाहिए ना कि किसी तीसरे पक्ष के हितों को नुकसान पहुंचाने या उनको निशाना बनाने की. कुछ देशों को अपनी शीतयुद्ध की मानसिकता से बाहर निकलना चाहिए और अपने पूर्वाग्रहों को पीछे छोड़ देना चाहिए. उन्हें ऐसे छोटे और दूसरों के लिए बंद समूह बनाने से बचना चाहिए और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बढ़ाने के लिए एकजुटता और सहयोग बढ़ाने की दिशा में प्रयास करने चाहिए."
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने शनिवार को एक बयान में कहा था कि अमेरिका और उसके सहयोगियों का फिलहाल एक ही लक्ष्य है कि वे चीन को मजबूती से काउंटर करने की क्षमता हासिल कर सकें. इसे लेकर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "चीन दुनिया के लिए अवसर है ना कि चुनौती. चीन ने संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का मजबूती से पालन किया है. हम जिस वैश्विक व्यवस्था में चैंपियन बने हैं, वो अंतरराष्ट्रीय कानूनों पर आधारित है ना कि कुछ देशों के अपने आधिपत्य बनाए रखने के लिए बनाए गए मानदंडों पर. वैश्वीकरण के दौर में विचारधारा के आधार पर छोटे-छोटे समूहों का निर्माण करना अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बर्बाद करने की सुनिश्चित तरीका है. इसका अंत में असफल होना तय है."
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, अमेरिका को चीन और चीन के साथ रिश्तों को लेकर सही और तार्किक तरीके से सोचना चाहिए. अमेरिका को चीन के आंतरिक मामलों में दखल देना बंद करना चाहिए और चीन के साथ मतभेदों को सुलझाने और सहयोग बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए. चीनी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी रक्षा मंत्री के दौरे से पहले चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने तीन समुद्रीय इलाकों में अलग-अलग युद्धपोतों के साथ अभ्यास किया.