तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने मंगलवार को कहा कि उनका देश अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हवाई अड्डे के संचालन और उसकी सुरक्षा को लेकर तालिबान से बातचीत करेगा. उत्तरी साइप्रस में ईद की नमाज के बाद राष्ट्रपति एर्दोगन ने स्वीकार किया कि हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए तुर्की की प्रस्तावित योजनाओं पर कट्टरपंथी इस्लामी गुट की कुछ आपत्तियां हैं.
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एर्दोगन ने कहा कि इस प्रक्रिया पर तालिबान से चर्चा की जाएगी. तालिबान ने पहले अमेरिका से नेगोशिएशन किया था. यही बातचीत तुर्की से आराम से होनी चाहिए. राष्ट्रपति ने कहा, 'मैं इन मसलों पर उनके साथ (तालिबान) चर्चा और समझौता करने का आश्वासन देता हूं. क्योंकि तुर्की उन्हें लेकर किसी तरह का विरोधी विचार नहीं रखता है.' एर्दोगन ने जोर देकर कहा कि तुर्की हमेशा अफगानिस्तान के साथ खड़ा रहा है.
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एर्दोगन की यह टिप्पणी पिछले हफ्ते तालिबान की हिदायत के बाद सामने आई है जिसमें तुर्की को अन्य विदेशी ताकतों के साथ अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस लेने के लिए कहा गया था. तालिबान ने हवाई अड्डे के संचालन और सुरक्षा मुहैया कराने के प्रस्ताव को निंदनीय बताया था.
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एर्दोगन ने सोमवार को तालिबान से कहा था कि उन्हें अपने भाइयों की जमीन पर कब्जा खत्म कर देना चाहिए. तालिबान अफगानिस्तान में जो कर रहा है वैसे काम मुसलमान नहीं किया करते हैं.
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तालिबान का दावा है कि उसने अफगानिस्तान के 85 फीसदी हिस्से पर कब्जा कर लिया है. अफगानिस्तान की सीमा पर कई चौकियों पर कब्जा करने के बाद तालिबान प्रांतीय राजधानियों की घेराबंदी कर रहा है. तालिबान के खौफ से जान बचाकर घर छोड़ भाग रहे हैं. पूर्वी वान प्रांत में 1,450 से अधिक लोग तुर्की को पार करने की कोशिश करते हुए पाए गए. हालांकि कई चौकियों पर अफगान सरकारी सुरक्षा बलों ने फिर से कब्जा कर लिया है और प्रांतीय राजधानियों पर फोकस किया है.
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हवाई अड्डे के संचालन और सुरक्षा के प्रस्ताव पर तुर्की अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है. एर्दोगन ने दोहराया कि तुर्की ऐसा तभी करेगा जब कुछ शर्तें पूरी होंगी और कहा कि वॉशिंगटन ने तुर्की को अभी इंतजार करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा, ''पहले अमेरिका कूटनीति और कूटनीतिक संबंधों के मामले में हमारे साथ खड़ा होगा.'' इसमें शर्तें मसलन लॉजिस्टिक और वित्तीय सहायता शामिल है.
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अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी के बाद काबुल एयर पोर्ट की सुरक्षा को लेकर समझौता किया जाना बेहद जरूरी हो गया है. नाटो-सदस्य तुर्की के 500 से अधिक सैनिक अफगानिस्तान में तैनात है और पहले से हवाई अड्डे की सुरक्षा में तैनात हैं.
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कई मसलों पर मतभेद के बावजूद पिछले कुछ वर्षों से तुर्की और अमेरिका के संबंध मजबूत बने हुए हैं. अमेरिका को मानवाधिकार और रूस से मिसाइल खरीदने को लेकर तुर्की से आपत्तियां रही हैं लेकिन सीरियाई कुर्द आतंकी गुटों के मसले पर तुर्की का समर्थन करता है. तुर्की सीरियाई कुर्द गुटों को आतंकी मानता है.
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