पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को सरकार को हाईकोर्ट से झटका लगा है जिसने मोहन भागवत को बर्दवान में जनसभा की अनुमित दे दी है. दरअसल बंगाल प्रशासन ने रविवार को बर्दवान में होनी वाली आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत की जनसभा को अनुमति नहीं दी थी. इसके बाद संघ ने हाईकोर्ट का रूख किया और कोर्ट ने भागवत को जनसभा करने की अनुमित दे दी.
हाईकोर्ट ने कहा कि जनसभा के दौरान इस बात का ध्यान रखा जाए कि इससे परीक्षार्थियों को असुविधा न हो और ध्वनि न्यूनतम स्तर पर रखी जाए, ताकि किसी को परेशानी न हो. जिला प्रशासन ने राज्य में चल रही माध्यमिक परीक्षाओं का हवाला देते हुए उक्त जनसभा में माइक्रोफोन के इस्तेमाल की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
हाईकोर्ट ने कही ये बात
जस्टिस अमृता सिन्हा ने आदेश में कहा कि चूंकि यह रविवार का दिन है और यह कार्यक्रम केवल 1 घंटे 15 मिनट तक चलेगा, इसलिए कलकत्ता हाईकोर्ट को नहीं लगता कि इससे किसी को असुविधा होगी. इसे शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित करने का आदेश दिया गया है और ध्वनि को यथासंभव कम रखा जाए.
यह भी पढ़ें: RG Kar केस: RSS चीफ मोहन भागवत से मिले मृतक डॉक्टर के माता-पिता, रविवार को करेंगे धरना-प्रदर्शन
बंगाल दौरे पर हैं भागवत
बता दें कि मोहन भागवत फिलहाल पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं. उन्होंने अपने दौरे के दौरान आरएसएस के विभिन्न राज्य पदाधिकारियों से मुलाकात की और राज्य में संगठन के नेटवर्क का विस्तार करने के तरीकों पर चर्चा की. रविवार को बर्दवान में प्रस्तावित बैठक मध्य बंगाल के जिलों पर ध्यान केंद्रित करने की कवायद का एक हिस्सा है.
भागवत ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की उस डॉक्टर के माता-पिता से मुलाकात की, जिसके साथ पिछले साल अगस्त में बलात्कार किया गया था और उसकी हत्या कर दी गई थी. पीड़ित परिवार के अनुरोध पर, पश्चिम बंगाल के दौरे पर आए भागवत ने कोलकाता के निकट राजारहाट के एक गेस्ट हाउस में कुछ देर तक उनसे बातचीत की. भागवत ने उस महिला के साथ हुई क्रूरता के बारे में सुनकर दुख जताया और माता-पिता के साथ एकजुटता व्यक्त की.
यह भी पढ़ें: हिंदू समाज एकजुट हो तो फल-फूल सकता है: मोहन भागवत