यूपी के मेरठ में भ्रष्टाचार के एक पुराने मामले में दोषी पाई गई महिला सब इंस्पेक्टर अमृता यादव को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. मेरठ रेंज के डीआईजी कलानिधि नैथानी ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी. 4 मई को उसका टर्मिनेशन लेटर जारी किया गया है.
20 हजार की रिश्वत के साथ हुई थी गिरफ्तार
उन्होंने बताया कि अमृता यादव को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी ठहराए जाने के बाद सेवा से हटाया गया है. न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक अमृता यादव पर 2017 में कोतवाली थाना, मेरठ में तैनाती के दौरान एक मामले से गंभीर धाराएं हटाने के बदले 20,000 की रिश्वत लेने का आरोप लगा था.
बताया जा रहा है कि वह एक मामले में हस्तक्षेप कर रही थीं और इसके बदले पैसे की मांग की थी. इस शिकायत के बाद एंटी करप्शन टीम ने कार्रवाई करते हुए उन्हें बुढ़ाना गेट पुलिस चौकी पर रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था. घटना के बाद अमृता यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था और विस्तृत जांच के बाद मामला कोर्ट में भेजा गया.
कोर्ट ने सुनाई सात साल की सजा
करीब सात साल लंबे कानूनी संघर्ष के बाद, 5 सितंबर 2024 को ट्रायल कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया और सात साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 75,000 का जुर्माना भी लगाया गया. डीआईजी कलानिधि नैथानी ने कहा कि पुलिस विभाग में अनुशासन और पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता है.
उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार जैसे गंभीर अपराध में लिप्त किसी भी पुलिसकर्मी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो. उन्होंने इसे विभाग की साख और जनविश्वास की रक्षा के लिए जरूरी कदम बताया.