उत्तर प्रदेश के झांसी में रक्सा थाने के थानेदार की विदाई ने पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना दिया है. आमतौर पर सादगी से होने वाली पुलिस अधिकारियों की विदाई इस बार किसी राजनीतिक रैली जैसी दिखी. थाना अध्यक्ष एसआई परमेंद्र कुमार का स्थानांतरण जनपद जालौन के लिए हुआ, लेकिन उनके रक्सा से विदा होने के मौके को ग्राम प्रधान ने 'भौकाल' में बदल दिया.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक लंबा काफिला गाड़ियों का निकला, जिनमें कुछ काले शीशों वाली गाड़ियां भी शामिल थीं. थाना अध्यक्ष खुद एक काले रंग की गाड़ी के सनरूफ से बाहर निकल कर हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन करते नजर आए, जैसे किसी बड़े नेता की पदयात्रा हो.
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काफिले में डीजे की धुन बज रही थी और ग्राम प्रधान राजेन्द्र सिंह राजपूत समेत कई स्थानीय लोग और पुलिसकर्मी साथ चल रहे थे. इस विदाई समारोह में खुलेआम परिवहन नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं. काले शीशे, ध्वनि प्रदूषण और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन भी देखा गया, लेकिन चूंकि मामला 'थानेदार साहब' का था, किसी ने सवाल नहीं उठाया.
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सूत्रों का दावा (आरोप) है कि रक्सा के प्रधान और थाना अध्यक्ष के बीच गहरी नजदीकी थी और कुछ विवादित फाइलें थाने में ही दबे होने के कारण यह विदाई और खास बनाई गई. ग्राम प्रधान ने बयान में कहा कि थानेदार परमेंद्र सिंह न्यायप्रिय और लोकप्रिय अधिकारी थे, इसलिए गांववालों ने उनका भव्य विदाई समारोह आयोजित किया.