
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के थानों में थानेदारों की तैनाती में पक्षपात किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक (PDA) समुदायों के इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को थानेदार नहीं बनाया जा रहा, जबकि एक विशेष जाति के ही लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है. सपा प्रमुख ने आगरा, प्रयागराज, मैनपुरी, चित्रकूट और महोबा जैसे जिलों का उदाहरण भी दिया है, लेकिन हमने उनके आरोपों की पड़ताल की.
अखिलेश यादव का कहना है कि आगरा में 48 थानों में सिर्फ 15 PDA समुदाय के लोग थानेदार के रूप में नियुक्त हैं, लेकिन अगर हम सटीक आंकड़े देखें तो आगरा में एंटी-ह्युमन ट्रैफिकिंग यूनिट मिलाकर कुल 49 थाने हैं, जिसमें सामान्य श्रेणी के 21, ओबीसी के 19 और अनुसूचित जाति जनजाति के 9 थानेदार पोस्ट हैं.
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आरक्षण के नियमों के अनुसार अगर प्रतिशत में देखें तो जनरल के 50 % मानक के सापेक्ष 42 %, अनुसूचित जाति के 23% के सापेक्ष 19% और ओबीसी के 27% के सापेक्ष 39 % थानेदार तैनात हैं.

कहां, कौन सी जाती के थानेदार तैनात हैं?
आगरा पुलिस कमिश्नरेट में ठाकुर जाति के थानेदारों की तैनाती को लेकर भी अखिलेश यादव ने आरोप लगाए, जबकि यहां 21 सामान्य श्रेणी के थानों में 8 ठाकुर, 9 ब्राह्मण और 4 अन्य सामान्य जाति के थानेदार हैं.
मैनपुरी में, कुल 16 थानों में 8 सामान्य श्रेणी के हैं, जबकि 5 ओबीसी और 3 अनुसूचित जाति जनजाति के थानेदार हैं. इस जिले में 8 सामान्य श्रेणी के थानों में 5 ठाकुर और 3 ब्राह्मण तैनात हैं.
चित्रकूट के 14 थानों में 7 सामान्य, 5 ओबीसी और 2 अनुसूचित जाति के थानेदार हैं। यहाँ भी सामान्य श्रेणी के थानों में ठाकुर और ब्राह्मण का संतुलन है.

महोबा में, 13 थानों में 7 सामान्य, 4 ओबीसी और 2 अनुसूचित जाति जनजाति के थानेदार हैं। सामान्य श्रेणी के 7 थानों में 6 ठाकुर और 1 ब्राह्मण थानेदार हैं.
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प्रयागराज के 44 थानों में 27 सामान्य श्रेणी के, 11 ओबीसी और 6 अनुसूचित जाति जनजाति के थानेदार हैं. इस जिले में सामान्य श्रेणी के 27 थानों में 17 ब्राह्मण और 10 ठाकुर थानेदार हैं.

डीजीपी प्रशांत कुमार ने आरोपों का किया खंडन
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार अखिलेश यादव के आरोपों पर स्पष्ट किया कि थानेदारों की तैनाती में आरक्षण के मानदंडों का सख्ती से पालन किया जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि मासिक समीक्षा की जाती है और योग्यता के आधार पर हर वर्ग के व्यक्ति को उचित तैनाती दी जाती है.