यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में गोरखनाथ मंदिर में गुरु गोरखनाथ का विशिष्ट पूजन किया. विजयादशमी पर गोरखनाथ मंदिर में अपने गुरु गोरखनाथ की पूजा कर आरती की. इस दौरान योगी विशेष परिधान पहने थे. योगी गोरक्षपीठ से हर साल विजयादशमी को निकलने वाली विजय शोभायात्रा का नेतृत्व करते हैं. अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों द्वारा भी शोभायात्रा का स्वागत किया जाता है.
गोरखनाथ मंदिर में विजयदशमी पर विशेष पूजन की परम्परा
यूपी के मुख्यमंत्री विजयदशमी पर सुबह से विशेष पूजन अर्चन करते हुए गोरक्षपीठ के प्रमुख की भूमिका में नज़र आए. नाथ पंथ की परंपरा के अनुसार गोरक्षपीठाधीश्वर इस दौरान विशेष परिधान में होते हैं. श्रीनाथ जी गुरु गोरक्षनाथ का पूजन अर्चन कर योगी ने आरती की. मंदिर परिसर के सभी देव विग्रहों की पूजा की.उन्होंने गोरखनाथ मंदिर के लिए विजयादशमी का पर्व बेहद ख़ास होता है. कई विशिष्ट परंपराओं को इस दौरान देखा जा सकता है.
अल्पसंख्यक समुदाय भी करता शोभायात्रा का स्वागत
इस दौरान गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली शोभायात्रा ख़ास होती है. योगी आदित्यनाथ अपने गुरु का आशीर्वाद लेकर अपने वाहन पर सवार होंगे. गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई वाली परंपरागत शोभायात्रा में हर वर्ग के लोगों के साथ अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी स्वागत करते हैं. अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी इसके स्वागत के लिए गोरखनाथ मंदिर के मुख्य द्वार से थोड़ी दूरी पर घंटों पहले फूलमाला लेकर खड़े रहते हैं.
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तुरही, नगाड़े व बैंड बाजे की धुन के बीच शोभायात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंचेगी. इस शोभायात्रा में कई वाद्ययंत्र भी विशेष होते हैं.इसको देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं. मानसरोवर मंदिर पहुंचकर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ से जुड़े मानसरोवर मंदिर पर देवाधिदेव महादेव की पूजा-अर्चना करेंगे.
प्रभु श्रीराम का राजतिलक कर परम्परा निभाएंगे
भव्य शोभायात्रा रामलीला मैदान पहुंचेगी यहां चल रही रामलीला में योगी आदित्यनाथ प्रभु श्रीराम का राजतिलक करेंगे. इसके साथ ही प्रभु श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण व हनुमानजी का पूजन कर आरती भी उतारी जाएगी. रामलीला मैदान में गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ का संबोधन भी होगा.देर शाम को गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत भोज का भी आयोजन होगा जिसमें अमीर-गरीब और जाति-मजहब के विभेद से परे बड़ी संख्या में सर्वसमाज के लोग शामिल होंगे.
दंडाधिकारी की भूमिका में होंगे गोरक्षपीठाधीश्वर
नाथपंथ की परंपरा के अनुसार हर वर्ष विजयदशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में पीठाधीश्वर द्वारा संतों के विवादों का निस्तारण किया जाता है.यूपी के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ नाथपंथ की शीर्ष संस्था 'अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा' के अध्यक्ष भी हैं. इसी पद पर वह दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं. गोरखनाथ मंदिर में विजयादशमी को पात्र पूजा का कार्यक्रम होता है. इसमें गोरक्षपीठाधीश्वर संतों के आपसी विवाद सुलझाते हैं. विवादों के निस्तारण से पूर्व संतगण पात्र देव के रूप में योगी आदित्यनाथ का पूजन करते हैं. पात्र देवता के सामने सुनवाई में कोई भी झूठ नहीं बोलता है.
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