उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है और इस सत्र के दौरान लखनऊ में कुशीनगर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक पंचानंद पाठक के आवास पर ब्राह्मण विधायकों का जमावड़ा हुआ. कुशीनगर विधायक के आवास पर मंगलवार को बीजेपी और अन्य दलों के कुल 52 विधायक और विधान परिषद सदस्य पहुंचे. बंद कमरे में 52 विधायकों और विधान परिषद सदस्यों की यह बैठक सियासी गलियारों में चर्चा का केंद्र बन गई.
इसे लेकर अब बीजेपी के विधायक अनिल त्रिपाठी का भी बयान आया है. अनिल त्रिपाठी ने कहा है कि कल सहभोज था. सहभोज के लिए चार से पांच घंटे का समय तय किया गया था और उसी समय सीमा के भीतर सभी लोगों को आमंत्रित किया गया था. उन्होंने कहा कि शाम सात से रात 12 बजे तक बैठक चली. इस दौरान तमाम विषयों पर चर्चा भी हुई. अनिल त्रिपाठी ने कहा कि सभी लोगों ने अपनी-अपनी चिंता खुलकर व्यक्त की है.
उन्होंने कहा कि इस देश में ब्राह्मणों ने बड़ा योगदान दिया है. देश की आजादी के लिए हमने कितनी कुर्बानी दी. शिक्षा से लेकर विज्ञान तक, ब्राह्मण ने भिक्षा लेकर शिक्षा दी. अनिल त्रिपाठी ने कहा कि ब्राह्मण कोई जाति तो थी नहीं, यह तो एक वर्ग है, वर्ण है. ब्राह्मण वर्ग को जातिगत आधार पर बाद में खड़ा किया गया. उन्होंने कहा कि आज हर वर्ग के लोग ब्राह्मणों को हर जगह अपमानित कर रहे हैं.
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बीजेपी विधायक अनिल त्रिपाठी ने अपनी ही सरकार के सवाल पर कहा कि जहां तक अपमानित किए जाने की बात है, ऐसा सरकार थोड़ी करती है. उन्होंने कहा कि ऐसा हमारे समाज की ओर से किया जाता है. ब्राह्मणों के खिलाफ किस तरह से भड़काया जा सकता है. अनिल त्रिपाठी ने कहा कि आधी रात तक बैठक चली. इस दौरान लोगों का आना-जाना लगा रहा.
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उन्होंने इस बैठक में 40 से ज्यादा विधायकों के मौजूद होने का दावा किया और कहा कि इसमें विपक्षी दलों के ब्राह्मण विधायक भी थे. अनिल त्रिपाठी ने कहा कि थोड़ा देर से आया था. सपा के आरोप पर उन्होंने कहा कि यह तो राजनीतिक विषय हो गया. एक सहभोज कार्यक्रम था, जिसमें अलग-अलग दलों के सभी लोगों ने अपनी चिंता रखी. यह सामाजिक विषय था, इसे राजनीतिक बताना सही नहीं है.