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उन्नाव, सुल्तानपुर, इटावा के बाद अब शाहजहांपुर... यूपी में भारत की हवाई ताकत को मिला नया रनवे 

उत्तर प्रदेश अब देश की रक्षा शक्ति का नया आधार बनता जा रहा है. उन्नाव (आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे), सुल्तानपुर (पूर्वांचल एक्सप्रेसवे) और इटावा (बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे) के बाद अब शाहजहांपुर स्थित गंगा एक्सप्रेसवे की 3.5 किमी लंबी एयर स्ट्रिप पर भी भारतीय वायुसेना ने पहली बार युद्धस्तरीय अभ्यास कर इतिहास रच दिया.

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यूपी के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे पर अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों ने लैंडिंग-टेकऑफ की रिहर्सल की.
यूपी के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे पर अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों ने लैंडिंग-टेकऑफ की रिहर्सल की.

उत्तर प्रदेश अब देश की रक्षा शक्ति का नया आधार बनता जा रहा है. उन्नाव (आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे), सुल्तानपुर (पूर्वांचल एक्सप्रेसवे) और इटावा (बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे) के बाद अब शाहजहांपुर स्थित गंगा एक्सप्रेसवे की 3.5 किमी लंबी एयर स्ट्रिप पर भी भारतीय वायुसेना ने पहली बार युद्धस्तरीय अभ्यास कर इतिहास रच दिया. इस अभ्यास में राफेल, सुखोई, मिराज-2000, मिग-29 और जगुआर जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों ने दिन की लैंडिंग-टेकऑफ की रिहर्सल की. अब रात में भी यही अभ्यास होगा. 

इस अभ्यास में भाग लेने वाले प्रमुख फाइटर जेट्स 

राफेल: आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और लंबी दूरी की मेटेओर मिसाइल से लैस, यह विमान सभी मौसम में ऑपरेशन की क्षमता रखता है.

SU-30 MKI: भारत-रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित यह ट्विन-सीटर फाइटर लंबी दूरी तक स्ट्राइक करने में सक्षम है और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें लेकर उड़ान भर सकता है.

मिराज-2000: फ्रेंच मूल का यह विमान हाई-स्पीड डीप स्ट्राइक में दक्ष है और न्यूक्लियर कैपेबल है.

मिग-29: यह तेज गति, ऊंची उड़ान और राडार चकमा देने की क्षमता वाला लड़ाकू विमान है.

जगुआर: यह ग्राउंड अटैक और एंटी-शिप मिशन में प्रयोग होने वाला सटीक स्ट्राइक विमान है.

C-130J सुपर हरक्यूलिस: यह भारी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट विशेष बलों की तैनाती, आपदा राहत और रेस्क्यू मिशन में प्रमुख भूमिका निभाता है.

AN-32: ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सामान और जवानों की ढुलाई के लिए उपयुक्त ट्रांसपोर्ट विमान.

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MI-17 V5 हेलिकॉप्टर: सर्च एंड रेस्क्यू, मेडिकल एवैकुएशन और मानव सहायता कार्यों के लिए जरूरी बहुउद्देशीय हेलिकॉप्टर.


594 किमी. लंबा है गंगा एक्सप्रेसवे

यूपीडा के एसीईओ श्रीहरि प्रताप शाही ने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे 4 ग्रुप्स में बन रहा है. तीन ग्रुप (2,3,4) को अडानी बना रहा है और एक ग्रुप को आईआरबी कंपनी द्वारा पीपीपी मॉडल पर बनाया जा रहा है. रायबरेली-प्रयागराज की ओर बने ग्रुप-4 को छोड़कर मुख्यमंत्री जी ने बाकी तीनों ग्रुप्स का भ्रमण किया और प्रगति का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों को आपस में जोड़ते हुए मेरठ से प्रयागराज तक लगभग 594 किलोमीटर लंबा है. एक्सप्रेसवे का भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर 2021 को शाहजहांपुर में किया था. इसकी शुरुआत मेरठ-बुलंदशहर मार्ग (एनएच-334) पर मेरठ के बिजौली ग्राम से होगी और समापन प्रयागराज बाईपास (एनएच-19) पर जुडापुर दांदू गांव पर होगी. 

गंगा एक्सप्रेसवे की खासियत 

- गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण 6 लेन में किया जा रहा है, जिसे जरूरत पड़ने पर 8 लेन में विस्तारित किया जा सकता है. 

- इसके राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) की चौड़ाई 120 मीटर है, जबकि डिजाइन स्पीड 120 किमी. प्रति घंटा है. 

- यह एक्सप्रेसवे 4 ग्रुप्स में बंटा हुआ है और प्रत्येक ग्रुप में 3 पैकेज हैं. 

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- इसके तहत 9 जनसुविधा परिसरों का भी निर्माण हो रहा है, जहां यात्री सुविधाएं उपलब्ध होंगी. 

- वहीं, 2 मुख्य टोल प्लाजा (मेरठ एवं प्रयागराज) के साथ 19 रैंप टोल प्लाजा (4 नए सम्मिलित) शामिल हैं. 

- गंगा नदी पर लगभग 960 मीटर और रामगंगा नदी पर लगभग 720 मीटर लंबाई का दीर्घ सेतु भी प्रस्तावित है. 

- यही नहीं, शाहजहांपुर (तहसील जलालाबाद) के पास 3.5 किमी. की हवाई पट्टी का भी निर्माण प्रस्तावित है. 

- इस एक्सप्रेसवे से कुल 12 शहर जुड़ेंगे, जिनमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज हैं. कुल 518 गांव एक्सप्रेसवे से आच्छादित हो रहे हैं.

- 7453.15 हेक्टेयर भूमि पर निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे की कुल लागत 36,230 करोड़ रुपए है.

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