उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर की चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की हरी झंडी मिल गई है. इसके तहत मंदिर की बाउंड्री की तारबंदी कराई जाएगी. इस काम के लिए पीडब्ल्यूडी ने टेंडर जारी किया है. काम को पूरा करने के लिए 3 महीने का समय निर्धारित किया गया है.
गोरखपुर की असली पहचान बाबा गोरक्षनाथ की तपो भूमि से है. गोरखनाथ मंदिर में बाबा गोरक्षनाथ की पूजा होती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब भी गोरखपुर आते हैं. उनका रात्रि विश्राम इसी मंदिर में होता है. गोरखनाथ मंदिर में बाबा गोरक्षनाथ का दर्शन करने पूर्वांचल सहित बिहार और नेपाल से लोग आते हैं. वहीं, मकर संक्रांति पर पूरे एक महीने तक खिचड़ी मेला लगता है.
मंदिर परिसर में लगता है जनता दरबार
देशभर से लोग गोरखनाथ मंदिर का रुख करते हैं. मुख्यमंत्री का जनता दरबार भी गोरखनाथ मंदिर परिसर में लगता है. इसमें हजारों की संख्या में लोग आते हैं. इसको देखते हुए गोरखपुर के एडीजी अखिल कुमार ने गोरखनाथ मंदिर परिसर की सुरक्षा को और चाक-चौबंद करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था.
इस प्रस्ताव के तहत गोरखनाथ मंदिर के चारदीवारी पर दो लेयर में कटीले तार लगाए जाएंगे. जानकारी के अनुसार, तार लगाने में लगभग 40 लाख रुपए के खर्च आएंगे. इस काम को पूरा करने के लिए 3 महीने का समय तय किया गया है.
वॉच टावर और क्लॉक रूम बनाए जाने की योजना
गोरखनाथ मंदिर के मुख्यमंत्री आवास परिसर में वॉच टावर और क्लॉक रूम बनाने की योजना है. इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने पहले टेंडर जारी किया था. इसमें पचास लाख रुपए से क्लॉक रूम और लगभग दो करोड़ रुपए से वॉच टावर बनाया जाना है.
गोरखपुर के एडीजी अखिल कुमार ने बताया, "इन नए प्लान को अनुमोदन के लिए शासन को भेजा गया था. मंजूरी आने के बाद लोग निर्माण विभाग ने टेंडर जारी किया है."
उन्होंने आगे बताया, "मंदिर की सुरक्षा की समीक्षा समय-समय पर की जाती है. उनमें से कुछ आवश्यक काम का निर्णय लिए जाता है. इसी कार्यक्रम के तहत ही निर्णय लिया गया था कि कंटीले तार लगाए जाएंगे. इसका अप्रूवल सरकार के तरफ से आ गया है. यह सारा काम अब पीडब्ल्यूडी के जिम्मे है."