यूपी के सहारनपुर में प्रमुख इस्लामी मदरसा दारुल उलूम देवबंद ने कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को "मानवता के खिलाफ कार्रवाई" करार दिया. दारुल उलूम देवबंद के 'मोहतमिम' (प्रबंधक) मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने पहलगाम के पास बैसरन वैली में हुए हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. पहलगाम अटैक में 26 लोग मारे गए, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे.
यह कहते हुए कि यह हमला "देश की एकता और अखंडता के लिए गंभीर खतरा" है, मुफ्ती नोमानी ने कहा, "हमारी संवेदनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं, और हम प्रार्थना करते हैं कि जो लोग घायल हुए हैं वे जल्द ही ठीक हो जाएं."
केंद्र से मामले को पूरी गंभीरता से लेने का आग्रह करते हुए, नोमानी ने "दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों."
न्यूज एजेंसी से बात करते हुए हमले को "मानवता के खिलाफ कार्रवाई" बताते हुए, उन्होंने निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाकर "आतंकवादियों की बर्बरता" पर प्रकाश डाला. नोमानी ने कहा, "दारुल उलूम पीड़ित परिवारों के दुख में शामिल है."
आपको बता दें कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद के दोनों धड़ों ने पहलगाम हमले की निंदा की है. जमीयत के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा, "जो लोग निर्दोष लोगों की हत्या करते हैं, वे इंसान नहीं बल्कि जानवर हैं. इस्लाम में आतंकवाद की कोई गुंजाइश नहीं है."
जमीयत के दूसरे धड़े के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने इस घटना को "अमानवीय कृत्य" करार दिया. उन्होंने कहा, "इस घटना को किसी धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता और जो लोग इसे इस्लाम से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, वे इसकी सच्ची शिक्षाओं से अनभिज्ञ हैं."
दोनों धड़ों के प्रमुखों ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और इस बात पर जोर दिया कि "ऐसी घटनाओं का उद्देश्य भय और सांप्रदायिकता फैलाना है और ऐसे प्रयासों को रोकने के लिए सभी को एकजुट होना होगा."