उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की गोपामऊ विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश अपने एक बयान को लेकर विवादों में घिर गए. दरअसल, तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा हाल ही में संत प्रेमानंद महाराज पर किए गए कमेंट को लेकर उन्होंने ऐसी टिप्पणी कर दी जिसके चलते उनका विरोध होने लगा. उन्होंने सोशल मीडिया पर रामभद्राचार्य के संस्कृत ज्ञान पर सवाल उठाते हुए आपत्तिजनक बातें लिख डालीं. जिसके बाद उनकी ट्रोलिंग शुरू हो गई. हालांकि, जब विवाद बढ़ा तो तो विधायक ने यू-टर्न ले लिया और कहा कि मेरी रामभद्राचार्य जी के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं, मैं बस प्रेमानंद महाराज का समर्थक हूं.
आपको बता दें कि रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज के संस्कृत ज्ञान को चुनौती देते हुए कहा था कि अगर उनमें चमत्कार है तो वे मेरे सामने संस्कृत का एक अक्षर बोलकर दिखाएं, या मेरे कहे गए किसी श्लोक का अर्थ समझाएं. हालांकि, यह मामला शांत हो गया था. रामभद्राचार्य ने भी सफाई दी थी. मगर इसी प्रकरण में बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश ने सोशल मीडिया पर तीखी टिप्पणी कर दी.
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विधायक श्याम प्रकाश ने रामभद्राचार्य के संस्कृत अध्ययन को झूठ बताते हुए पूछा कि आपने बिना आंख के संस्कृत का अध्ययन कैसे किया? झूठ क्यों बोल रहे हैं? इतना ही नहीं उन्होंने रामभद्राचार्य को जातिवादी और व्यभिचारी तक बता दिया.
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श्याम प्रकाश के विवादित कमेंट के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर उनकी ट्रोलिंग शुरू हो गई. मामला बढ़ता देख विधायक ने यू-टर्न ले लिया. उन्होंने एक नई पोस्ट लिखकर माफी मांगी और कहा कि वे प्रेमानंद महाराज के अनुयायी हैं और रामभद्राचार्य द्वारा ब्राह्मण समाज के खिलाफ कही गई बातों से व्यथित होकर उन्होंने टिप्पणी की थी. लेकिन उनकी कोई निजी दुर्भावना नहीं है. वे सभी संतों का सम्मान करते हैं.